पटना: पटना एम्स में दिखानेवाले मरीजों को रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी कतार में नहीं लगना पड़े और उन्हें अपने बारे में नहीं बताना पड़े, इसके लिए एम्स में इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड सिस्टम शुरू किया गया है.
इसके माध्यम से मरीज एक दिन पहले अपने मोबाइल से रजिस्ट्रेशन करा सकता है. रजिस्ट्रेशन कराने के दौरान एक कोड जेनरेट होगा, उस कोड को सिर्फ काउंटर पर दखाना होगा. इसके बाद आपको बिना किसी परेशानी के डॉक्टर के पास भेज दिया जायेगा. रजिस्ट्रेशन कराने के लिए एम्स, पटना की वेबसाइट पर जाना है, जहां रजिस्ट्रेशन के लिए ऑप्शन दिया हुआ है और इसे सोमवार से शुरू भी कर दिया गया है.
एक माह में कैशलेस सेवा
इसके माध्यम से मरीजों को ओपीडी, इमरजेंसी, लैब, रेडियोलॉजी व कैंटीन में भी ‘कैशलेस’ सुविधा मिलने लगेगी. काउंटर पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सब कुछ ऑनलाइन हो जायेगा. रजिस्ट्रेशन कराते ही मरीजों को एक बार कोड मिलेगा, जिसके बाद मरीज के परिजन इलाज के मुताबिक कुछ रकम काउंटर पर जमा करा देंगे. उसके बाद उनके कोड से इलाज का खर्च कटता जायेगा. अगर इलाज के बाद कुछ बचेगा, तो उसे अंतिम रसीद कटने पर उसी काउंटर से राशि लौटा दी जायेगी. यदि और राशि की जरूरत पड़ेगी, तो ले ली जायेगी.
रिपोर्ट भी ऑनलाइन
रजिस्ट्रेशन परची ऑनलाइन होने के बाद जैसे-जैसे डॉक्टर मरीज का इलाज करेंगे. उनकी सारी रिपोर्ट ऑनलाइन होती जायेगी. एम्स में इलाज कराते समय अगर किसी गंभीर मरीज के इलाज को लेकर विदेश के स्पेशलाइज चिकित्सकों से विमर्श कर सकेंगे. इसके लिए हर देश के कुछ अस्पतालों को भी एम्स, पटना से जोड़ा जायेगा. इसको लेकर एक ब्योरा तैयार किया जा रहा है और बाकी देश के संस्थानों से बात भी हो रही है कि यहां के डॉक्टर कभी कभी भी संपर्क कर सकते हैं.
कैसे होगा रजिस्ट्रेशन
मोबाइल से ओपीडी में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आप को एम्स, पटना की वेबसाइट पर जाना होगा. वहां रजिस्ट्रेशन का पूरा ब्योरा डाला गया है. इस पेज पर जाने के बाद आपको नाम, पता, मोबाइल नंबर और कब दिखाना है, इसकी जानकारी भरने के बाद सेंड कर देना होगा. इसके बाद एक आइडी पासवर्ड जेनरेट होगा, जो तुरंत आपके मोबाइल पर मैसेज बॉक्स में आ जायेगा. उसी आइडी को एम्स के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर बताना होगा. इसके बाद काउंटर पर तुरंत आपको एक परची दी जायेगी. इस परची पर संबंधित विभाग में जाकर इलाज करा पायेंगे. फिर इसी सिस्टम के जरिये आप अपने बार कोड के माध्यम से कभी भी रिपोर्ट देख पायेंगे. इसी के आधार पर यहां के भी चिकित्सक विदेशों के डॉक्टर से एडवाइज ले पायेंगे.
नहीं होगी परेशानी
मरीजों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था शुरू की गयी है. इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रेकॉर्ड सिस्टम से मरीजों को भी इलाज कराने में कोई परेशानी नहीं होगी. फिलहाल मोबाइल सिस्टम से मरीजों का रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया गया है. इसके माध्यम से लोगों को वहां काउंटर पर अपना नाम-पता बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बस आइडी कोड बताना होगा. इसके माध्यम से आपका इलाज हो जायेगा.
डॉ जीके सिंह, निदेशक, एम्स, पटना