पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में स्वयं उपस्थित नहीं होंगे, लेकिन उन्होंने एक बार फिर मोदी के नेतृत्व में आज शाम लेने वाली केंद्र की नई सरकार को शुभकामनाएं दी हैं.
पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने कहा कि उन्होंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नई सरकार को बधायी दी है और एक बार फिर वह नई सरकार को शुभकामनाएं देते हैं. मोदी को नीतीश की तरफ से बधाई को स्वागत योग्य बदलाव माना जा रहा है, क्योंकि मोदी के प्रति नाराजगी के कारण नीतीश की अगुवाई वाली जदयू ने पिछले वर्ष 16 जून को भाजपा से नाता तोड लिया था.
नीतीश ने कहा कि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के दिल्ली जा रहे हैं. हमारे पार्टी के प्रतिनिधि भी शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगे. दिल्ली के लिए रवाना होने के पूर्व मांझी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि नई भाजपा सरकार और उसकी पूर्व सहयोगी पार्टी जदयू के बीच राजग से अलग होने के बाद उत्पन्न तलखी को वह मिटाने का प्रयास करेंगे.बिहार विधान परिषद 12 नए नामांकित सदस्यों के आज शपथ लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने कहा कि नई केंद्र सरकार से उन्हें भी काफी अपेक्षाएं हैं. बिहार को विशेष पैकेज और विशेष राज्य का दर्जा मिले तथा इस प्रदेश की लंबित परियोजनाओं को शीघ्र पूरा किया जाये.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव के लिए जो एक हजार करोड रुपये राज्य सरकार ने खर्च किया है वह राशि राज्य सरकार को मिलनी चाहिए. नीतीश ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में कई देशों के प्रमुख एवं राजनयिक भाग ले रहे हैं, यह अच्छी बात है.नीतीश ने कहा कि देशभर में एक प्रांत के लोग दूसरे प्रांतों में रोजी रोटी कमाने के लिए जाते हैं जो हमारा संवैधानिक अधिकार है. हम चाहते हैं कि ऐसा कोई केंद्रीय कानून बने जिससे कि एक जगह से दूसरी जगह जाकर कमाने वालों को कोई कठिनाई नहीं हो और उन्हें सम्मान मिले. नई सरकार जनादेश के अनुसार काम करे. नीतीश के पत्रकारों से बातचीत करने के समय मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी उपस्थित थे.
नीतीश ने इस मांग के समर्थन में पटना और नई दिल्ली में दो बडी रैलियां भी की थीं. मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान घोषणा की थी कि अगर उनकी सरकार आई तो बिहार और पूर्वोत्तर के राज्यों के बेहतर विकास के लिए उन्हें ‘विशेष दर्जा’, विशेष पैकेज’ दिया जाएगा और उन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.मांझी ने बताया कि उन्हें कल राष्ट्रपति भवन में नवनियुक्त प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया है.उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए पीएमओ द्वारा भेजा गया निमंत्रण मिला है. मैं जल्दी निर्णय लूंगा.’’मांझी ने अपनी सरकार के लिए जदयू और राजद को साथ लेने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर इस तरह की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया. विश्वास मत में मांझी को लालू प्रसाद से मिले समर्थन के बाद इस तरह की अटकलें सामने आ रहीं थीं.
मांझी ने कहा, ‘‘राजद के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा. हमने उनसे समर्थन के लिए नहीं कहा था लेकिन उन्होंने सांप्रदायिक ताकतों को दूर रखने के लिए खुद से इस तरह की पेशकश की.’’ मांझी की सरकार में दिन-प्रतिदिन का काम नीतीश कुमार द्वारा रिमोट से संचालित किये जाने के भाजपा के दावे पर उन्होंने कहा कि यह अच्छे काम करने वालों के प्रति भाजपा की मनुवादी सोच और संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है.
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को ही नागपुर में संघ के रिमोट कंट्रोल से चलाया जाता है. क्या वे संघ या उसके प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ कुछ बोल सकते हैं.’’ बिहार के लिए अपने एजेंडे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि नीतीश कुमार द्वारा शुरु किये गये विकास के एजेंडे को पूरा करने के लिए उनके पास सही तरह से केवल 10 से 12 महीने का समय है. उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था को और अधिक सख्त करने की जरुरत बताई.