पटना : क्या बिहार एक बार फिर लालू यादव की शक्ति का उफान देखेगा? यह सवाल इसलिए लाजिमी है, क्योंकि विभिन्न एजेंसियों द्वारा कराये गये एग्जिट पोल का कहना है कि बिहार में राजद की शक्ति बढ़ेगी और वह 10-11 सीट ला सकता है.
हालांकि इस बार लालू यादव खुद चुनाव नहीं लड़ सके, क्योंकि चारा घोटाला मामले में वे दोषी करार दिये गये हैं और फिलहाल वे जमानत पर हैं. जब चारा घोटाला मामले में लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट ने सजा सुनायी थी, तो ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि अब राजद का खात्मा हो जायेगा और कोई उसका नामलेवा नहीं रहेगा. उन्हें क्षति पहुंचाने में उनके करीबियों ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी.
रामकृपाल जैसे साथी का साथ छोड़ जाना, राजद के लिए बड़ा झटका था, बावजूद इसके लालू यादव की शक्ति का बढ़ना, बिहार की राजनीति के लिए नये संकेत हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि जदयू को बिहार में बहुत बड़ा झटका लगेगा, क्योंकि उसे मात्र पांच सीट मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है.
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा का साथ छोड़ना जदयू की भारी गलती थी. 16 मई को चुनाव परिणाम आने हैं, उसके बाद ही सभी पार्टियों की वास्तविक शक्ति का पता चलेगा, लेकिन अब यह तो कहा ही जा सकता है कि बिहार में एक बार फिर लालू का कद बढ़ेगा.