पटना: पाकिस्तानी आतंकी संगठन अल कायदा के पैसों से पटना में आतंकी हमले की साजिश रची गयी थी. पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का भारतीय संस्करण कहे जानेवाले इंडियन मुजाहिदीन के संबंध अल कायदा जैसे आतंकी संगठनों से भी हैं.
इसका खुलासा एनआइए ने पटना सीरियल ब्लास्ट को लेकर पटना स्थित एनआइए के स्पेशल कोर्ट में दाखिल अपने पहले चार्जशीट में किया है. इसमें इंडियन मुजाहिदीन का पूरे उत्तर भारत में संचालन करनेवाले तहसीन अख्तर उर्फ मोनू के बारे कोई खास जिक्र नहीं किया गया है, जबकि मोनू को पटना के गांधी मैदान थाने में दर्ज प्राथमिकी में इस आतंकी हमले का मुख्य आरोपित बनाया गया था.
चार्जशीट में एनआइए ने आइएम की कई गतिविधियों के संबंध में स्पेशल कोर्ट को पुख्ता सबूत उपलब्ध कराये हैं. इनमें तहसीन अख्तर और पाकिस्तान में बैठे अल कायदा के संचालकों के बीच फोन पर हुई बातचीत का पूरा ब्योरा शामिल है.
सूत्रों ने बताया कि इस बातचीत के संबंध में एनआइए ने करीब ढाई पन्नों की एक रिपोर्ट भी कोर्ट को उपलब्ध करायी है, जिसमें तहसीन को उत्तर भारत में आइएम के संचालन के लिए विदेश से फंडिंग की बात स्पष्ट होती है. हालांकि, पटना ब्लास्ट के संबंध में एनआइए ने मोनू को इस मामले का फिलहाल प्राथमिक अभियुक्त नहीं बनाया है. यह चार्जशीट केवल धमाके की सुबह पटना जंकशन पर पकड़ा गया इम्तियाज अंसारी और पटना में धमाकों के लिए रेकी करनेवाले ताबिश नियाज की चर्चा की है. ताबिश को एनआइए की टीम ने धमाकों के तीन दिन बाद मधुबनी से गिरफ्तार किया था. एनआइए ने स्पेशल कोर्ट को इम्तियाज और ताबिश से कैमरे के सामने हुई पूछताछ की वीडियोग्राफी भी उपलब्ध करायी है, जो पटना ब्लास्ट को लेकर इम्तियाज और ताबिश की साजिश का बयान कर रहा है. चार्जशीट में मोनू के खिलाफ एनआइए द्वारा जुटाये गये पुख्ते सबूतों के आधार पर कहा गया है कि मोनू पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा और अल कायदा के आकाओं के हुक्म पर बिहार समेत देश के कई अन्य राज्यों में आतंकी घटनाओं के संचालन के लिए रंगरूटों की फौज तैयार कर रहा था. नेपाल से लगी बिहार की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे गांवों और शहरों के युवकों को वह जेहाद के नाम पर आतंक का पाठ पढ़ा रहा था.
मोनू के खिलाफ अलग से दायर होगा चाजर्शीट
एनआइए से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पटना ब्लास्ट में तहसीन अख्तर उर्फ मोनू की भूमिका को लेकर एनआइए बहुत जल्द ही अलग से अपना चार्जशीट दायर करेगी. इम्तियाज व ताबिश ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि सिमी प्रमुख हैदर अली और तहसीन अक्सर पाकिस्तान में बैठे में अपने आकाओं से बातचीत करते थे और उन्हें वहीं से निर्देश मिलते थे.