चिराग एकलौता पुत्र तो कोमल थी एकलौती पुत्री
सहरसा : एक जनवरी से संतोष जायसवाल के आठ वर्षीय पुत्र चिराग के लापता होने के बाद गुरुवार को घर से चंद कदम की दूरी पर रेलवे पटरी किनारे शव होने की सूचना पर पहचान के लिए गयी उसकी दो बहन निधि व मुस्कान व उसकी सहेली किशोर दास की पुत्री कोमल बगल से गुजर रहे हाई वोल्टेज बिजली तार की चपेट में आ गयी.
दो मिनट के अंदर तीनों जिंदा जल गयीं. गुरुवार की सुबह खेलने आये कुछ बच्चों ने चिराग का शव होने की बात कही. तीनों के अलावा घर में मौजूद उसकी कुछ अन्य सहेली दौड़ कर आयी. भाई का पैंट देख तीनों उसे निकालने के लिए उसमें कूद गयी.
फिर क्या था, रेलवे का जा रहा तार काल बनकर तीनों का इंतजार कर रहा था, की चपेट में आ गयी. संयोगवश अपनी दुकान से खाना खाने जा रहे राजेश दास ने हल्ला सुन जब देखा तो सूझबूझ का परिचय देते अन्य को उधर जाने से रोक मामले की जानकारी बिजली विभाग व पुलिस को दी. मामला आग की तरह शहर में फैल गयी. दुकानें स्वत: बंद हो गयीं.
पुलिस पर हमला : आक्रोशित लोगों ने शहर में कई जगह सड़क पर आगजनी कर व नारेबाजी कर विरोध जताया. यातायात पोस्ट पर रखे टेबल व कुर्सी को आग के हवाले कर दिया गया. सूचना पर पहुंचे गश्ती दल को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. लोगों ने पत्थर व लाठी से पुलिस बलों व वाहन पर हमला कर दिया.
इसके बाद सदर एसडीओ प्रशांत कुमार, सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी, सदर थानाध्यक्ष आरके सिंह ने मौके पर पहुंच लोगों को समझाना-बुझाना शुरू किया. उग्र लोगों ने प्रशासन के विरुद्ध जम कर नारेबाजी की. लगभग चार घंटे के बाद चारों शवों को प्रशासन पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले गया. एसडीओ के निर्देश पर चारों मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख का चेक सौंपा गया. माहौल को देखते हुए कई थानों से पुलिस बलों को मंगाया गया था. जानकारी के अनुसार मृतक चिराग अपने घर का एकलौता था और कोमल एकलौती बेटी थी.