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गिरते-पड़ते जान बचा कर भागे, कई जख्मी
उप्रदवियों की रोड़ेबाजी से खाली हुई सड़क, बंद हो गयीं दुकानें बिहारशरीफ (नालंदा) : पुलिस व उप्रदवियों के बीच हिंसक झड़प में लोग जान बचा कर किसी तरह भागे़ कई ने सड़क पर वाहन को छोड़ कर पास की दुकानों में शरण ली़ लेकिन, दुकानदारों ने भी लोगों को बाहर निकाल कर शटर गिरा दिया़ […]
उप्रदवियों की रोड़ेबाजी से खाली हुई सड़क, बंद हो गयीं दुकानें
बिहारशरीफ (नालंदा) : पुलिस व उप्रदवियों के बीच हिंसक झड़प में लोग जान बचा कर किसी तरह भागे़ कई ने सड़क पर वाहन को छोड़ कर पास की दुकानों में शरण ली़ लेकिन, दुकानदारों ने भी लोगों को बाहर निकाल कर शटर गिरा दिया़ रोड़ेबाजी में कई घायल हो गये. घटना के करीब चार घंटे बाद एक घायल युवक को पास की एक दुकान का शटर तोड़ कर बाहर निकाला गया. घटना के बाद युवक दुकान में छुप गया था. इधर, दुकान का मालिक दुकान बंद कर के फरार हो गये. दुकान के भीतर से आवाज आने के बाद शटर को तोड़ कर युवक को बाहर निकाला गया.
कौन है इंसाफ मंच नालंदा जिले का सुप्रीमो, नहीं जानता है प्रशासन
कौन है इंसाफ मंच नालंदा का सुप्रीमो, जिला प्रशासन को इसकी कोई जानकारी नहीं है. जुलूस को लेकर बिहारशरीफ एसडीओ को दिये गये अनुमति पत्र में कोई स्थायी पता अंकित नहीं है.
बिहारशरीफ के एसडीओ सुधीर कुमार ने बताया कि जब उनके कार्यालय को इंसाफ मंच नालंदा के लेटर पैड पर शहर में जुलूस निकाले जाने की अनुमति मांगी गयी, तो पहले ही दौर में जुलूस निकाले जाने की बात संदेहास्पद प्रतीत हुई. लेटर पैड पर जो पता अंकित था उस पर जिला प्रशासन को संदेह उत्पन्न हो रहा था. जिला प्रशासन द्वारा जब अपने तरीके से इंसाफ मंच नालंदा के संबंध में जानकारी दूसरे माध्यमों से ली गयी, तो मामला एकदम स्पष्ट हो गया.
इस बात की आधिकारिक पुष्टि बिहारशरीफ के एसडीओ ने स्वयं की है. एसडीओ ने बताया है कि इंसाफ मंच नालंदा के लेटर पैड पर अंकित पते की जांच की गयी, तो यह सही नहीं निकला. लेटर पैड पर संयोजक के तौर पर मनमोहन कुमार व सह संयोजक के तौर पर सरफराज अहमद खां का नाम था.
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