नयी दिल्ली : बॉक्सिंग जगत के लीजेंड बॉक्सर मोहम्मद अली का अमेरिका के एक अस्पताल में कल निधन हो गया. वह 74 वर्ष के थे और पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे. उनके परिवार के प्रवक्ता ने एक बयान में यह दुखद समाचार दिया. प्रवक्ता बाब गुनेल ने कहा, ‘‘पर्किन्सन बीमारी से 32 साल तक जूझने के बाद मोहम्मद अली का 74 साल की उम्र में निधन हो गया है. ‘ इस हैवीवेट मुक्केबाज ने तीन दशक तक अपने खेल से लोगों को रोमांचित किये रखा और इस दौरान दुनिया में सुर्खियां बटोरी.
#WATCH: Muhammad Ali, 1942-2016, #TheGreatesthttps://t.co/guHy8QovmJ
— ANI (@ANI) June 4, 2016
उन्हें इस सप्ताह सांस की तकलीफ के कारण एरिजोना के फीनिक्स के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तीन बार के हैवीवेट विश्व चैंपियन की स्थिति को लेकर शुक्रवार से ही चिंता बढ गयी थी क्योंकि रिपोर्टों के अनुसार पार्किन्सन के कारण उनकी सांस की तकलीफ गंभीर हो गयी है और यह महानतम मुक्केबाज उससे बेहद कमजोर हो गये हैं. विश्व स्तर पर रिंग के अपने कमाल के कारण ही नहीं बल्कि नागरिक अधिकारों के प्रति अपनी सक्रियता के कारण भी मशहूर रहे अली को पिछले कुछ वर्षों में कई बार अस्पताल में भर्ती करवाना पडा था. उन्हें न्यूमोनिया के कारण 2014 में अस्पताल में भर्ती होना पडा था और इसके बाद पेशाब संबंधी परेशानी के कारण 2015 में भी उन्होंने कुछ दिन अस्पताल में बिताये थे.
उनकी पार्किंसन बीमारी को अपने करियर के दौरान रिंग के अंदर कई मुक्के सहने का परिणाम माना जाता है. उन्होंने वर्षों से सार्वजनिक तौर पर बात करना बंद कर दिया था. लेकिन वह नियमित तौर पर सार्वजनिक कार्यक्रमों में उपस्थित होते रहे और अपने परिजनों तथा प्रवक्ताओं के जरिये अपनी बात रखते रहे. अप्रैल में उन्होंने फीनिक्स में सेलेब्रिटी फाइट नाइट डिनर में हिस्सा लिया था और पार्किन्सन की बीमारी के इलाज के लिए धन इकट्ठा करने में मदद की थी.
आजकल उनकी स्मरण शक्ति भी काफी कमजोर हो गयी थी. बावजूद इसके वे राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय रखते थे. अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने जब अमेरिका में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी तो मोहम्मद अली ने उनका विरोध किया था.
कैरियर : मोहम्मद अली तीन बार विश्व हैविवेट बॉक्सिंग के चैपियंन बने. उन्होंने कुल 61 फाइट किये, जिनमें से 56 उन्होंने जीते. उन्होंने 1964, 1974 और 1978 में हैविवेट चैंपियनशिप जीता था. इस्लाम स्वीकार करने से पूर्व उनका नाम कैसियस मर्सलास क्ले था. उनकी पुत्री लैला अली भी बॉक्सर हैं.