नयी दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सरकार की ‘खेलो इंडिया कार्यक्रम’ योजना की अहमियत बताते हुए गुरुवार को कहा कि भारत को ‘वैश्विक खेल शक्ति’ बनाने के लिये पूरे देश से प्रतिभाओं की खोज करना महत्वपूर्ण है.
कोविंद ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में यह बात कही. उन्होंने कहा कि नयी सरकार ने ‘खेलो इंडिया कार्यक्रम’ को पूरे देश में फैलाने का फैसला किया है. राष्ट्रपति ने कहा, विश्व-स्तर पर, खेल-प्रतियोगिताओं में प्रभावशाली प्रदर्शन से देश का गौरव बढ़ता है.
साथ ही, बच्चों और युवाओं में खेल-कूद के प्रति रुचि बढ़ती है. इससे स्वास्थ्य को जीवन में प्राथमिकता देने की संस्कृति को भी बल मिलता है. उन्होंने कहा, भारत को विश्व-स्तर की खेल-शक्ति बनाने के लिए, देश के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले प्रतिभावान खिलाड़ियों की पहचान और उनका पारदर्शी चयन, महत्वपूर्ण है.
राष्ट्रपति ने कहा, राज्य और जिला स्तर पर, खिलाड़ियों की पहचान के लिए ‘खेलो-इंडिया कार्यक्रम’ को व्यापक रूप देने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत, 2,500 प्रतिभावान खिलाड़ियों का चयन करके, उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अब आने वाले हर साल में यह सुविधा 2,500 नए खिलाड़ियों को दी जाएगी.
राष्ट्रपति ने मौजूदा खेल ढांचों को मजबूत करने की अहमियत पर भी जोर दिया और कहा कि सरकार इस ओर काम कर रही है. उन्होंने कहा, देश के खेल बुनियादी ढांचों को आधुनिक बनाने के साथ ही उसका विस्तार भी किया जाएगा. यह आधुनिक बुनियादी ढांचे एवं सुविधाएं खिलाड़ियों को उपलब्ध हों, इसके लिए नई व्यवस्था विकसित की जा रही है. उन्होंने कहा, हमारा प्रयास है कि खेल-जगत में उच्च स्थान प्राप्त करके हमारे खिलाड़ी देश का गौरव बढ़ाएं.