रियो परालंपिक में पुरुषों की ऊंचीकूद टी42 में स्वर्ण पदक जीतने वाले मारीप्पन थांगवेलू से एक और गोल्ड की उम्मीद की जा रही है. मारीप्पन की नजरें अब विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप पर टिकी हैं.
लंदन में इसी माह 22 तारीख से यह चैंपियनशिप शुरू होने हा रही है. उन्होंने बताया कि वो इसकी तैयारी पूरी लगन के साथ कर रहे हैं और उनका लक्ष्य भारत के लिए गोल्ड जीतने पर है. रियो में गोल्ड जीतने के बाद मारीप्पन काफी फेमस हो चुके हैं. उन्हें अन्य खिलाडियों के साथ राष्ट्रपति ने सम्मानित भी किया था. इसके बाद उनके जीवन में काफी बदलाव आया. सबसे बड़ी बात है कि उनके जीवन पर आधारित एक फिल्म बनायी जा रही है.
* रियो ने दिलायी नयी पहचान
मारीप्पन ने कहा, रियो पारालंपिक ने उन्हें नयी पहचान दिलायी है. उन्होंने कहा, रियो में स्वर्णिम प्रदर्शन से पहले मुझे कोई नहीं जानता था. लेकिन अब उन्हें सब पहचानने लगे हैं. इसकी मुझे काफी खुशी है.
* कोच और फेडरेशन ने काफी मदद की
मारीप्पन ने बताया उनके जीवन में बदलाव फेडरेशन और उनके कोच के चलते आया. कोच और फेडरेशन की मेहनत के दम पर मरीप्पन ने कई बुलंदियों को छूआ है. उन्होंने कहा, मैं सबसे कहना चाहता हूं कि कुछ भी असंभव नहीं है. गांव-देहात के लोग पारालंपिक में जाने से डरते हैं. मैं वैसे लोगों से कहना चाहुंगा कि आप दिव्यांग हैं, इसका ये मतलब नहीं है कि आप पीछे रहें. आगे बढिये, कुछ भी कर सकते हैं.