नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने कहा है कि इंग्लैंड में अगले साल होने वाली चैम्पियन्स ट्राफी के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच मैच के आयोजन का जानबूझकर प्रयास नहीं किया गया जैसा कि ब्रिटिश मीडिया में कहा जा रहा है.
अगले साल एक से 18 जून तक होने वाली इस प्रतियोगिता में भारत और पाकिस्तान को ग्रुप बी में रखा गया है और दोनों टीमें बर्मिंघम के एजबस्टन में चार जून को आमने सामने होंगी. डेली टेलीग्राफ ने आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेव रिचर्डसन के हवाले से कहा, ‘‘इसमें कोई शक नहीं कि हम अपनी प्रतियोगिताओं में भारत बनाम पाकिस्तान मैच कराने का प्रयास करते हैं.’
रिचर्डसन ने कहा, ‘‘आईसीसी के नजरिये से यह बेहद महत्वपूर्ण है. इसकी दुनिया भर में काफी मांग है और प्रशंसक इसके लिए आते हैं. यह टूर्नामेंट के लिए शानदार है क्योंकि इससे इसे काफी फायदा होता है.’ लेकिन आईसीसी के सूत्रों के अनुसार ग्रुप बनाने को गलत तरीके से पेश किया गया है जबकि इसे निष्पक्ष तरीके से किया गया.
आईसीसी के एक प्रवक्ता ने आज पीटीआई से कहा, ‘‘डेविड रिचर्डसन ने इसी साक्षात्कार में बताया और स्पष्ट किया कि ग्रुप को 30 सितंबर 2015 को आठ टीमों की रैंकिंग के आधार पर बनाया गया है. यह सिर्फ एक संयोग नहीं है कि भारत और पाकिस्तान ग्रुप बी में हैं जैसे कि आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड ग्रुप ए में हैं.’
आईसीसी का तर्क है कि 30 सितंबर 2015 की समयसीमा तक शीर्ष आठ टीमों ने प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई किया और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की गई टीम के संतुलन को देखते हुए दोनों ग्रुप बराबर मजबूत हों.
आईसीसी का स्पष्टीकरण है कि दोनों ग्रुपों की वरीयता का कुल योग 18 है. आस्ट्रेलिया (01), न्यूजीलैंड (04), इंग्लैंड (06) और (07) को ग्रुप रख में रखा गया है. इनकी वरीयता का योग 18 है. इसी तरह ग्रुप बी में भारत (02), दक्षिण अफ्रीका (03), श्रीलंका (05) और पाकिस्तान (08) को रखा गया है और इनकी वरीयता का योग भी 18 है.
आईसीसी के लिए अगर भारत-पाक मुकाबला काफी अहम है तो 10 जून को ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड के अलावा इंग्लैंड बनाम न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया बनाम न्यूजीलैंड मैच भी काफी महत्वपूर्ण हैं.