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कोहली की अगुआई में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 3-0 से रौंदा, सीरीज पर कब्‍जा

नयी दिल्ली : भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जा रहे चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के पांचवें दिन भारत ने 337 रन की शानदार जीत दर्ज की. भारत ने यह सीरीज 3-0 से जीता है. इस श्रृंखला में चार मैच खेले जाने थे, लेकिन बारिश की वजह से एक मैच नहीं खेला गया […]

नयी दिल्ली : भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जा रहे चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के पांचवें दिन भारत ने 337 रन की शानदार जीत दर्ज की. भारत ने यह सीरीज 3-0 से जीता है. इस श्रृंखला में चार मैच खेले जाने थे, लेकिन बारिश की वजह से एक मैच नहीं खेला गया था. देखें तसवीर

पूरे सीरीज में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार खेल दिखाया और एक बार भी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि दक्षिण अफ्रीका की टीम उसपर भारी है. आज सुबह जब दक्षिण अफ्रीका की टीम मैदान पर उतरी, तो उसका ध्येय रक्षात्मक खेल खेलना था, ताकि वह किसी तरह मैच को बचा ले, वहीं भारतीय गेंदबाजों के सामने आठ विकेट गिराने की चुनौती थी, जिसे चाय से पहले भारत ने पूरा कर लिया और दक्षिण अफ्रीका को 337 रन से हराया. आज के मैच के हीरो भी रविचंद्रन अश्विन ही रहे, जिन्होंने कुल पांच विकेट लिये, उमेश यादव ने तीन और रवींद्र जडेजा ने दो विकेट चटकाए.

रविचंद्रन अश्विन की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए चौथे और आखिरी क्रिकेट टेस्ट में टीम को 334 रन से जीत दिलाई और इसके साथ ही मेजबान ने चार मैचों की श्रृंखला 3 – 0 से ऐतिहासिक अंतर से जीत ली.

जीत के लिए 481 रन के लगभग नामुमकिन लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका अत्यंत रक्षात्मक खेल के बावजूद 143 . 1 ओवर में 143 रन पर आउट हो गयी. आखिरी पांच विकेट नाटकीय ढंग से सिर्फ सात रन के भीतर गिरे. इस जीत के साथ ही भारत आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भी दूसरे नंबर पर पहुंच गया. अश्विन ने मोर्नी मोर्कल को बोल्ड करके दक्षिण अफ्रीका की पारी का अंत किया. इस श्रृंखला में भारत के सबसे कामयाब गेंदबाज अश्विन ने 49 . 1 ओवर में 61 रन देकर पांच विकेट लिये. कप्तान विराट कोहली और मैन आफ द मैन अजिंक्य रहाणे ने सोवेनियर स्टम्प्स उठाये. खिलाडियों ने जीत का जश्न मनाने के साथ दर्शकों को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने खड़े होकर उनका अभिवादन किया था.

एबी डिविलियर्स के 297 गेंद में 43 रन की बदौलत एक समय दक्षिण अफ्रीका ड्रा की तरफ बढ़ता दिख रहा था लेकिन आखिरी सत्र में भारतीय गेंदबाजों ने मैच का नक्शा बदल दिया. तेज गेंदबाज उमेश यादव ने तीन विकेट लिये जबकि अश्विन ने डिविलियर्स की पारी का अंत किया.

अश्विन की करिश्माई आफ ब्रेक गेंद पर डिविलियर्स ने अजीब तरीके से खेला और लेग स्लिप में जडेजा को कैच दे बैठे. इससे पहले वनडे और टी20 श्रृंखला हारने वाली भारतीय टीम के जख्म इस जीत से कुछ हद तक भरे होंगे. उमेश यादव को भी जीत का श्रेय जाता है जिन्होंने 21 ओवर में सिर्फ नौ रन देकर तीन विकेट लिये. उन्होंने आखिरी सत्र में डेन विलास और काइल एबोट के बोल्ड किया जबकि डेन पीएट ने विकेट के पीछे रिधिमान साहा को कैच थमाया. लंच के बाद ही जीत की उम्मीदें बढ़ गयी थी जब फाफ डु प्लेसिस को रविंद्र जडेजा ने पगबाधा आउट किया.

डु प्लेसिस ने 97 गेंद में 10 रन बनाये. अश्विन ने जेपी डुमिनी ( 0 ) को श्रृंखला में अपना 30वां शिकार बनाया जो पगबाधा आउट हुए. इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने सुबह के सत्र में 31 ओवरों में सिर्फ 42 रन बनाये थे. आखिरी सत्र शुरु होने पर लगा था कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दक्षिण अफ्रीका अपने सबसे मुश्किल ड्रा की ओर बढेगा. भारतीय गेंदबाजों ने हालांकि उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया.

दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज डिविलियर्स ने अकेले किला लडाने की कोशिश की और दिखा दिया कि बेहतरीन खिलाडी कैसे हालात के मुताबिक अपने खेल को बदल सकते हैं. दुनिया के सबसे खतरनाक टी20 बल्लेबाज ने बेहद संयम का प्रदर्शन किया और संभलकर रन बनाये.सुबह के सत्र में जडेजा ने अमला को बेहद खूबसूरत गेंद पर पवेलियन भेजा था.

कप्तान अमला ने खाता खोलने के लिये 46 गेंदों का इंतजार किया था. डु प्लेसिस ने 52 डाट गेंद खेलकर 53वीं गेंद पर खाता खोला. इससे पहले डु प्लेसिस ने एडीलेड ( 2012 ) में इस तरह का रक्षात्मक खेल दिखाते हुए सात घंटे 46 मिनट क्रीज पर रहकर 110 रन बनाये थे. उनकी इस पारी के कारण आस्ट्रेलिया तय लग रही जीत से वंचित रह गया था. उस समय भी उनके जोडीदार डिविलियर्स थे जिन्होंने 220 गेंद में 33 रन बनाये थे. डु प्लेसिस ने खाता खोलने के लिए सबसे ज्यादा गेंदें लेने के मामले में ग्रांट फ्लावर ( 2000 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 51 गेंद ) को भी पछाड़ा. अब वह इस सूची में तीसरे नंबर पर आ गये हैं.

अमला का स्ट्राइक रेट 10 . 44 का रहा लेकिन उन्होंने रक्षात्मक खेल का नायाब नमूना पेश किया. उन्होंने सिखाया कि लगभग हारे हुए मैच का रुख ड्रा की ओर कैसे किया जाता है. कोटला की सपाट हो चुकी विकेट से सुबह फायदा मिला लेकिन 160 ओवर खेलकर मैच बचाना कभी आसान नहीं होता. दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने इस कदर रक्षात्मक खेल दिखाया कि जडेजा ने 46 में से 33 ओवर मैडन फेंके.

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