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तेंदुलकर ने एबी डिविलियर्स की जमकर तारीफ की

मुंबई : पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भारत के खिलाफ रविवार को यहां पांचवें और अंतिम एकदिवसीय में शानदार बल्लेबाजी के लिए दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों विशेषकर कप्तान एबी डिविलियर्स की जमकर तारीफ की. तेंदुलकर ने मुंबई क्रिकेट संघ के बीकेसी मैदान पर लंबे समय बाद पहले नेट सत्र के दौरान कहा, ‘‘मुझे लगता […]

मुंबई : पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भारत के खिलाफ रविवार को यहां पांचवें और अंतिम एकदिवसीय में शानदार बल्लेबाजी के लिए दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों विशेषकर कप्तान एबी डिविलियर्स की जमकर तारीफ की.

तेंदुलकर ने मुंबई क्रिकेट संघ के बीकेसी मैदान पर लंबे समय बाद पहले नेट सत्र के दौरान कहा, ‘‘मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका ने काफी अच्छी बल्लेबाजी की. मैं क्विंटन डि काक, फाफ डु प्लेसिस और डिविलियर्स से श्रेय नहीं छीनना चाहता. मुझे लगता है कि डिविलियर्स ने शानदार बल्लेबाजी की.”
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अब भी याद है, मैं थोड़ा बहुत मैच देख रहा था, अगर आप पहली 20 गेंद देखो तो वह छठे और सातवें गियर में बल्लेबाजी नहीं कर रहा था और शान पोलाक भी यही दोहरा रहा था. उसने तय कर दिया था कि कैसे पारी को गति देनी है और उसने यह शानदार तरीके से किया. उसने जिस तरह बल्लेबाजी की मैं उसे श्रेय देता हूं.”
जब यह पूछा गया कि क्या डिविलियर्स अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ फार्म में हैं तो तेंदुलकर ने कहा, ‘‘हां, बेशक ऐसा ही है. संभवत: वह अपने करियर के शीर्ष पर है. वह सचमुच में अविश्वसनीय बल्लेबाजी कर रहा है और ऐसा लगता है कि उसके पास किसी भी अन्य बल्लेबाज से अधिक समय है.” वानखेडे की पिच पर दक्षिण अफ्रीका के चार विकेट पर 438 रन का रिकार्ड स्कोर खडा करने और भारत पर 214 रन की जीत दर्ज करने के बाद भारतीय टीम निदेशक रवि शास्त्री और क्यूरेटर सुधीर नाईक के बीच बहस के विवाद पर तेंदुलकर ने कुछ भी नहीं कहा.
इस विवाद के बारे में पूछने पर दुनिया में 100 अंतरराष्ट्रीय शतक जडने वाले एकमात्र बल्लेबाज तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि रवि ने क्यूरेटर से क्या बात की.” पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाज रहे नाईक ने मुंबई क्रिकेट संघ को भेजी शिकायत में कहा है कि मैच के दौरान पिच के सपाट होने पर शास्त्री ने उन्हें अपशब्द कहे थे और नाराजगी जताई थी. नाईक ने भी कथित तौर पर इसका जवाब दिया था.
तेंदुलकर ने अगले महीने होने वाले अमेरिका के तीन मैचों के टी20 प्रदर्शनी क्रिकेट दौरे की तैयारी की शुरुआत की जहां वह और आस्ट्रेलिया के पूर्व महान स्पिनर शेन वार्न ‘क्रिकेट आल स्टार्स सीरीज 2015′ के मैचों में विरोधी टीमों की अगुआई करेंगे. इस श्रृंखला के मैच न्यूयार्क, ह्यूस्टन और लास एंजिल्स में होंगे.
नवंबर 2013 में वानखेडे स्टेडियम पर ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले तेंदुलकर ने भारतीय टीम के प्रशंसकों और आलोचकों को सलाह दी कि वे टीम के प्रदर्शन को लेकर संतुलित रवैया अपनाएं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास काफी अच्छी टीम है. प्रत्येक टीम अलग अलग दौर से गुजरती है. ऐसा चरण आता है जब टीम अच्छा प्रदर्शन करनी है और ऐसा मुश्किल चरण भी आता है जब चीजें काफी मुश्किल हो जाती है और चीजें आपकी योजना के मुताबिक नहीं होती. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप हर हफ्ते अपनी टीम को लेकर फैसले सुनाए.” बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति में शामिल तेंदुलकर से जब पूछा गया कि भारतीय टीम को विदेशी या घरेलू कैसे कोच की जरुरत है तो उन्होंने कहा कि कोच को मित्र, दार्शनिक और खिलाडियों के मार्गदर्शन के रुप में काम करना चाहिए.
तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कोच को सक्षम होना चाहिए और इससे कोई फर्क नहीं पडता कि वह विदेशी कोच है या भारतीय कोच. कोच वह होता है तो टीम को मानसिक रुप से अच्छी स्थिति में रखता है और अभ्यास सत्र का संचालन अच्छी तरह करता है.” यह महान बल्लेबाज साथ ही भारतीय टीम के बल्लेबाजी क्रम पर भी बात नहीं करना चाहता.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इससे जुड़ा नहीं हूं इसलिए मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो तथ्यों को जाने बगैर कोई भी बयान दे. अगर मैं इससे जुडा होता तो कहने के लिए बेहतर स्थिति में होता.” अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के पिछले कुछ समय के किए नियमों में बदलाव और इसके असर पर तेंदुलकर ने कहा, ‘‘नियम सभी अंतर पैदा करते हैं. जब मैं खेलता था तो मुझे याद है कि चार क्षेत्ररक्षकों का नियम पूरे 50 ओवर तक लागू रहता था और पवार प्ले में आप क्षेत्ररक्षण में बदलाव कर सकते थे लेकिन यहां लगभग पूरे 50 ओवर के नियम बदल गए हैं. आप सिर्फ चार क्षेत्ररक्षकों को बाउंड्री पर रख सकते हो और मुझे लगता है कि इससे निश्चित तौर पर गेंदबाजों पर अधिक दबाव पडता है.” उन्होंने कहा, ‘‘सर्कल के बाहर चार क्षेत्ररक्षकों के होने से बल्लेबाज के बाद बाउंड्री में अधिक रन बनाने का विकल्प होता है, बल्लेबाज अधिज जोखिम उठाने के लिए तैयार रहता है. टी20 प्रारुप के साथ भी ऐसा ही है, बल्लेबाज कुछ निश्चित शाट का अभ्यास कर रहे हैं जो पहले कोई नहीं खेलता था.”
रिवर्स स्वीप में महारत हासिल करने का श्रेय जिंबाब्वे के एंडी फ्लावर को देते हुए तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मुझे अब भी याद है जब 15 साल पहले एंडी फ्लावर ने टेस्ट क्रिकेट में रिवर्स स्वीप खेलना शुरु किया था तो मैंने कहा था कि वह सभी से संभवत: 10 से 12 साल आगे हैं क्योंकि आने वाले समय में सभी इस शाट का इस्तेमाल शुरु करेंगे.” वार्न के खिलाफ एक बार फिर नई पारी के बारे में तेंदुलकर ने कहा कि पिछले साल लार्ड्स में उन्हें पता चला कि संन्यास ले चुके अंतरराष्ट्रीय स्टार खिलाडियों में अब भी खेल को लेकर जुनून है जिसके काण प्रदर्शनी टी20 श्रृंखला के आयोजन की नींव डली.
तेंदुलकर ने कहा कि इस श्रृंखला का आयोजन खेल के प्रचार के लिए किया जा रहा है और खिलाडियों को बेसबाल के मैदानों पर दर्शकों से बात करने में मजा आएगा. इस दिग्गज भारतीय बल्लेबाज ने कहा कि अमेरिका में इस पहल को लेकर काफी अच्छी प्रतिक्रिया है और उन्हें पता चला है कि अमेरिका के मूल निवासी भी दर्शकों के बीच मौजूद रहेंगे.
तेंदुलकर से जब यह पूछा गया कि वह किसके साथ पारी की शुरुआत करेंगे तो उन्होंने कहा कि टीम के संयोजन पर अभी फैसला नहीं किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपनी टीमें नहीं चुनी हैं लेकिन इसमें नया सरप्राइज है. वीरेंद्र सहवाग भी इसका हिस्सा है. यह अच्छा होगा. हेडन, गांगुली या सहवाग कोई भी हो, जो भी होगा ये सभी विश्व स्तरीय खिलाड़ी हैं और हम सभी इसे लेकर बेताब हैं.”

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