नयी दिल्ली: वह दस अक्तूबर 1996 का दिन था जब सचिन तेंदुलकर पहली बार कप्तान के रुप में टास करने के लिये उतरे थे और आज उस घटना के ठीक 17 साल बाद इस महान बल्लेबाज ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया.
तेंदुलकर तब 23 साल और 169 दिन के थे जब वह कप्तान के रुप में पहली बार दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में उतरे थे. विरोधी टीम थी आस्ट्रेलिया और भारत यह मैच जीतने में सफल रहा था. लेकिन रिकाडरें का बादशाह तेंदुलकर कप्तान के रुप में सफल नहीं रहा. उन्हें दो बार भारतीय टीम की कमान सौंपी गयी लेकिन वह टीम को कभी वैसी सफलता नहीं दिला पाये जैसी कि उनसे उम्मीद की जा रही थी.
यदि क्रिकेट के दूसरे प्रारुप एकदिवसीय क्रिकेट की बात करें तो तेंदुलकर ने 73 मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की लेकिन वह केवल 23 मैचों में ही जीत का स्वाद चख पाये. इस बीच भारत ने 43 मैच गंवाये और स्वयं तेंदुलकर ने भी मान लिया कि वह बल्लेबाजी की तरह कप्तानी में सफलता हासिल नहीं कर पायेंगे. तेंदुलकर ने इन 73 वनडे मैचों में छह शतकों की मदद से 2454 रन बनाये. उनका औसत 37 . 75 रहा जबकि उनका ओवरआल औसत 44 . 83 है.