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झारखंड आवास बोर्ड ने महेंद्र सिंह धौनी को भेजा नोटिस
-शकील अख्तर- रांची : झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को नोटिस भेजा है. बोर्ड के मुताबिक धौनी को हरमू हाउसिंग कॉलोनी में 4780.80 वर्गफुट जमीन कट प्लॉट के रूप में आवंटित की गयी, वह गैरकानूनी है. बोर्ड ने आवंटन रद्द करने की चेतावनी भी दी है और […]
-शकील अख्तर-
रांची : झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को नोटिस भेजा है. बोर्ड के मुताबिक धौनी को हरमू हाउसिंग कॉलोनी में 4780.80 वर्गफुट जमीन कट प्लॉट के रूप में आवंटित की गयी, वह गैरकानूनी है. बोर्ड ने आवंटन रद्द करने की चेतावनी भी दी है और उन्हें 15 दिनों के अंदर पक्ष रखने को कहा है.
बोर्ड ने दो अन्य लोगों को भी नोटिस भेजा है. जिन अन्य को नोटिस जारी किया गया है, उनमें कुमार रामचरितर सिंह और अभिमन्यु राम शामिल हैं. आवास बोर्ड के प्रबंध निदेशक दिलीप कुमार झा की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है : आप लोगों को कट प्लॉट के नाम पर जो जमीन आवंटित की गयी है, वह वास्तव में कट प्लॉट नहीं है और इसका आवंटन गैरकानूनी तरीके से किया गया है. क्यों न इसका आवंटन रद्द कर दिया जाये.
सरकार ने दी थी जमीन : भारतीय क्रिकेट टीम में धौनी के प्रदर्शन को देखते हुए तत्कालीन अजरुन मुंडा सरकार ने उन्हें तोहफे में नि:शुल्क जमीन आवंटित करने की घोषणा की थी. सरकार के फैसले के आलोक में बोर्ड ने आदेश संख्या 380 (23 फरवरी, 2006) के सहारे धौनी को हरमू हाउसिंग कॉलोनी में भूखंड एचआइजी 10/ए आवंटित कर दिया.
इस भूखंड का क्षेत्रफल 5002 वर्गफुट है. इसके बाद धौनी ने सरकार से कहा कि वह अपने सपनों का घर बनाना चाहते हैं, इसके लिए यह जमीन छोटी है. सरकार आवंटित भूखंड के पीछे की जमीन भी दे.
इस जमीन का क्षेत्रफल 4780.80 वर्ग फुट है. धौनी के आग्रह पर बोर्ड ने इस भूखंड को कट प्लॉट के रूप में उन्हें आवंटित कर दिया और आठ जुलाई, 2007 को आदेश (संख्या 1231) निकाला. अब बोर्ड के प्रबंध निदेशक के मुताबिक इतने बड़े भूखंड को कट प्लॉट के रूप में आवंटित किया जाना गैरकानूनी है.
क्या हैं दोनों अन्य मामले
बोर्ड ने रामचरितर सिंह के मामले की जांच में पाया है कि इस व्यक्ति ने एकीकृत बिहार के तत्कालीन डीआइजी गजेंद्र सिंह से 2898 वर्गफुट जमीन खरीदी. बोर्ड ने मूल आवंटन के बिना ही पुलिस अधिकारी को 44 हजार 716 रुपये में इसे कट प्लॉट के रूप में आवंटित किया था. इसके लिए आठ अप्रैल 1991 को आदेश (संख्या 2249) जारी किया गया. राज्य गठन के बाद रामचरितर सिंह ने पुलिस अधिकारी को कट प्लॉट के रूप में मिली जमीन खरीद ली.
बोर्ड ने इसकी अनुमति (आदेश संख्या 398, 15 अक्तूबर 2003) दे दी. फिर रामचरितर सिंह ने 2625 वर्ग फुट जमीन को कट प्लॉट बताते हुए आवंटित करने की मांग की. बोर्ड ने इसे स्वीकार (आदेश संख्या 1683, दो दिसंबर, 2008) करते हुए संत फ्रांसिस स्कूल के पास की यह जमीन उन्हें आवंटित कर दी. इस तरह श्री सिंह के पास कुल 5523 वर्ग फुट जमीन हो गयी.
आवास बोर्ड ने अभिमन्यु राम को मूल रूप से प्लॉट संख्या सी-129 आवंटित किया था. इसका क्षेत्रफल 3000 वर्ग फुट था. जमीन आवंटन के बाद श्री राम ने 1789 वर्ग फुट जमीन को कट प्लॉट बताते हुए आवंटित करने का अनुरोध किया. बोर्ड ने इसे स्वीकार करते हुए उक्त जमीन आवंटित कर दी. इसके लिए 22 सितंबर, 2008 को आदेश (1404) निकाला गया. श्री राम ने कट प्लॉट के लिए बोर्ड को 5.85 लाख रुपये भुगतान किया.
क्या है कट प्लॉट
बोर्ड की नियमावली के अनुसार कट प्लॉट ऐसे भूखंड को कहा जाता है, जिस पर कोई नयी इकाई स्थापित नहीं की जा सके. अर्थात जमीन का टुकड़ा ऐसा हो, जिस पर आवास का निर्माण नहीं किया जा सकता हो.
रद्द हो चुके हैं आवंटन
आवास बोर्ड पहले भी कट प्लॉट का आवंटन रद्द कर चुका है. आइजी एमएस भाटिया और पुलिस अधिकारी रंजीत प्रसाद को कट प्लॉट आवंटित की गयी थी, जिसे आवास बोर्ड ने रद्द कर दिया है.
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