अनुज कुमार सिन्हा
टीम इंडिया ने पिछले रविवार (15 फरवरी) को पाकिस्तान को धूल चटायी और इस रविवार (22 फरवरी) को दक्षिण अफ्रीका को. दक्षिण अफ्रीका को वर्ल्ड कप में पहली बार हराने का सपना भी पूरा हुआ. यह पाकिस्तान के खिलाफ मिली 76 रन से बड़ी जीत है. इसका अपना महत्व है. पहली जीत भावनात्मक जीत थी, क्योंकि हमने पाकिस्तान को हराया था. पाकिस्तान को हराने का मजा ही कुछ और होता है.
पाकिस्तान इस बार कमजोर है और वर्ल्ड कप के दावेदारों में नहीं है. लेकिन जिस दक्षिण अफ्रीका को टीम इंडिया ने 130 रन से हराया, उसे वर्ल्ड कप जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. यह वह टीम है जिसके तीन-तीन बल्लेबाजों (अमला, रोसो, डीविलियर्स) ने एक माह पहले ही एक ही वनडे मैच में शतक ठोंका था. इसलिए दक्षिण अफ्रीका को हराने के बाद अब कह सकते हैं कि टीम इंडिया चैंपियन की तरह खेली और खिताब की प्रबल दावेदार है.
ऐसा कहने के पीछे तर्क है. जिस दक्षिण अफ्रीका के पास डेल स्टेन, मोर्ने मोर्केल जैसे दुनिया के श्रेष्ठ तेज गेंदबाज हैं, उसके खिलाफ 300 से ज्यादा रन बनाना मामूली बात नहीं है. दक्षिण अफ्रीका के पास अमला, डी कॉक, डीविलियर्स, डुप्लेसिस, मिलर और डुमिनी जैसे वनडे के घातक बल्लेबाज हैं, उस टीम को भारतीय गेंदबाजों ने 177 रन पर समेट दिया, यह मामूली उपलब्धि नहीं है. डीविलियर्स ने हाल ही में 44 गेंदों पर 149 रन बनाये थे.
लेकिन टीम इंडिया के आगे वे नहीं चल सके. जिस टीम इंडिया की हाल में फजीहत हो रही थी, जिसकी गेंदबाजी की आलोचन हो रही थी, उसी टीम इंडिया का मनोबल बढ़ चुका है. धवन लगातार असफल हो रहे थे. उन्हें वर्ल्ड कप टीम में रखना जुआ ही था. लेकिन ऐन वक्त पर धवन का फार्म लौटा. पहले पाक के खिलाफ 73 रन की पारी और अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार 137 रन. बढ़िया साथ दिया रहाणो ने. 79 रन बनाये. सिर्फ दो ही बल्लेबाजों ने बड़ा स्कोर किया. अगर बाद के खिलाड़ी भी चल गये होते तो स्कोर 330 पार होता. ऐसे धौनी ने अपनी छोटी-सी पारी में कुछ झलक दिखाई. बेस्ट फिनिशर वाली भूमिका धौनी को आगे भी निभानी होगी.
पूरे मैच में टीम इंडिया भारी पड़ी. चाहे बल्लेबाजी हो, गेंदबाजी हो या फिर क्षेत्ररक्षण. तीनों में बेहतरीन प्रदर्शन. इसलिए भारत जीत का हकदार था. यह संभव इसलिए हो सका क्योंकि टीम इंडिया एक टीम की तरह खेल रही है, बढ़े मनोबल के साथ. भारत के बल्लेबाज (धवन और रहाणो) इतने लय में थे कि स्टेन जैसे दुनिया के नंबर एक गेंदबाज को भी नहीं बख्शा. उनकी गेंद पर दो छक्के लगे.
ठीक है कि गेंदबाजी में भारत के पास कोई बड़ा नाम नहीं है लेकिन दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को इसी टीम ने 177 पर रोका. उमेश यादव, शमी और मोहित शर्मा तीनों ने अनुशासन में रह कर गेंदबाजी की. तीनों ने मिल कर 21 ओवर में सिर्फ 95 रन दिये. अश्विन का चलना अनिवार्य है. विकेट से स्पिन गेंदबाजों को मदद मिली और अश्विन-जडेजा ने अपना काम कर दिया. आनेवाले मैचों में भी अश्विन की बड़ी भूमिका होगी. भारत को अगर वर्ल्ड कप जीतना है तो इसमें अश्विन को करिश्मा दिखाना होगा.
आज उन्होंने ऐसा किया भी. दक्षिण अफ्रीका को हरा कर टीम इंडिया ने बड़ी छलांग लगा दी है. सभी खिलाड़ी फार्म में हैं. बल्लेबाजी में दोनों बार टीम इंडिया ने 300 से ज्यादा रन बनाये हैं और दोनों मैचों में विपक्षी टीम को सवा दो सौ से कम रन पर समेटा है. अब और क्या चाहिए. ग्रुप मैचों में अब कोई बड़ी चुनौती नहीं है. लेकिन असली चुनौती आयेगी क्वार्टर फाइनल से. इसके लिए टीम इंडिया तैयार है.