नयी दिल्ली:एन श्रीनिवासन के आईसीसी के अध्यक्ष पद का चुनाव लडने का रास्ता आज उस समय साफ हो गया जब उच्चतम न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के निर्वासित अध्यक्षको यह चुनाव लडने से रोकने के लिये क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार की याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया.
आईसीसी के अध्यक्ष पद का चुनाव 27 जून को होगा. न्यायमूर्ति जे एस केहर और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की खंडपीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत का पहले का आदेश ‘स्पष्ट’ है और वह इस मसले पर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार की याचिका नहीं सुनेंगे.
क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के वकील का तर्क था कि ऐसा व्यक्ति जिसे जांच पूरी होने तक बीसीसीआई के अध्यक्ष के रुप में काम करने से रोका गया हो उसे आईसीसी के अध्यक्ष पद का चुनाव लडने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.शीर्ष अदालत ने 16 मई को न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता वाली समिति को आईपीएल में सट्टेबाजी तथा स्पाट फिक्सिंग प्रकरण में श्रीनिवासन और 12 प्रमुख खिलाडियों के खिलाफ जांच का आदेश दिया था. न्यायालय ने जांच समिति को अगस्त के अंत तक अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश करने का निर्देश दिया था. न्यायालय ने श्रीनिवासन से कहा था कि इस दौरान वह बीसीसीआई के अध्यक्ष के रुप में काम नहीं करेंगे.
इससे पहले, ग्रीष्मावकाश के दौरान श्रीनिवासन ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व के आदेशों में सुधार के लिये शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था ताकि वह गैर आईपीएल क्रिकेट की गतिविधियों में बीसीसीआई के अध्यक्ष के रुप में काम कर सकें. लेकिन न्यायालय ने उनका यह अनुरोध ठुकरा दिया था.न्यायालय ने कहा था कि दूसरी पीठ द्वारा दिये गये आदेश में वह सुधार नहीं कर सकता है. न्यायालय ने श्रीनिवासन से उसी पीठ के समक्ष जाने के लिये कहा था जिसने यह आदेश दिया था.
न्यायालय ने आईपीएल-7 के लिये वरिष्ठ क्रिकेट खिलाडी सुनील गावस्कर को बीसीसीआई का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया था. इसी तरह शिवलाल यादव को बीसीसीआई की क्रिकेट से संबंधी दूसरी गतिविधियों को देखने के लिये बोर्ड का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया था.