मुंबई : आइपीएल के फाइनल मैच के स्थल को बदलने को लेकर पैदा हुए गतिरोध ने तब नया मोड ले लिया जब लीग के चेयरमैन रंजीब बिस्वाल ने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम बेंगलूर से वापस वानखेडे स्टेडियम में खिताबी मुकाबला करवाने के लिये कुछ शर्तें रखकर गेंद मुंबई क्रिकेट संघ के पाले में डाल दी. एमसीए के विरोध पत्र का बिस्वाल ने जवाब दिया जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर कुछ शर्तों का जिक्र किया है.
एमसीए उपाध्यक्ष रवि सावंत ने कहा, हमें रंजीब बिस्वाल का पत्र मिला है लेकिन फाइनल की मेजबानी के लिये कुछ शर्तें रखी गयी है. हमने इन शर्तों पर चर्चा के लिये प्रबंध समिति की बैठक बुलायी है. बिस्वाल ने भी पत्र भेजने की पुष्टि की लेकिन उन्होंने इसके बारे में विस्तार से नहीं बताया.
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार मुख्य शर्त यह रखी गयी है कि बीसीसीआइ को हास्पिटैलिटी बॉक्स के अधिकतर पास चाहिए क्योंकि उनके दुनिया भर के कई हाई प्रोफाइल मेहमान मैच देखने के लिये आ रहे हैं. इनमें यूएई सरकार के कुछ मंत्री भी शामिल हैं जिन्होंने टूर्नामेंट का पहला चरण अपने देश में करवाने में मदद की थी. हास्पिटैलिटी बॉक्स के अधिक पासों को देने का मतलब है कि एमसीए यदि वापस फाइनल की मेजबानी चाहता है तो उसे अपने हिस्से के पास देने होंगे.
एक अन्य शर्त मुंबई पुलिस से दस बजे के बाद पटाखे छोडने और जोर से संगीत बजाने की अनुमति मांगना शामिल है क्योंकि राज्य सरकार के आदेशों के कारण ऐसा करने की अनुमति नहीं है. कुछ अन्य शर्तों में स्टेडियम में हितों के टकराव वाले विज्ञापन नहीं लगाना, कार पार्किंग का 85 प्रतिशत बीसीसीआइ को देना और एमसीए को सीमित संख्या में मान्यता पत्र देना शामिल है. सावंत ने कहा कि बैठक कल होगी लेकिन यह तय नहीं है कि यह एमसीए कार्यालय में होगी क्योंकि बुद्ध पूर्णिमा के कारण कल अवकाश रहेगा. इससे पहले आइपीएल संचालन परिषद ने एमसीए के विरोध पत्र पर फैसला टाल दिया था.
अंतरिम बीसीसीआइ आईपीएल अध्यक्ष सुनील गावस्कर ने बीसीसीआइ मुख्यालय के बाहर प्रतीक्षारत पत्रकारों से कहा, कोई फैसला नहीं किया गया. गावस्कर ने हालांकि यह खुलासा नहीं किया कि संचालन परिषद कब इस पर अंतिम फैसला करके विवाद खत्म करेगा. संचालन परिषद के बिना किसी खास कारणों के फाइनल मैच का स्थान बदलने के फैसले से नाराज एमसीए अध्यक्ष शरद पवार ने बोर्ड को विरोध पत्र लिखा था. पवार ने आइपीएल संचालन परिषद और सभी बीसीसीआइ सदस्यों को पत्र लिखकर जानना चाहा था कि आखिर किन कारणों से फाइनल पूर्व निर्धारित स्थल से हटाकर बेंगलूर को सौंपा गया.