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बर्थडे स्पेशल : जब चेहरे पर गेंद लगने से दांत टूटे के बावजूद नायडू ने जड़ा था अर्धशतक

मुंबई : पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाजों माधव आप्टे और नरी कांट्रैक्टर ने सीके नायडू की 122वीं जयंती पर भारत में क्रिकेट में उनके योगदान को याद किया. दोनों ने घरेलू क्रिकेट मैच का वह किस्सा सुनाया जब चेहरे पर गेंद लगने से दांत टूटे के बावजूद नायडू ने अर्धशतक जड़ा था. नायडू का जन्म 31 […]

मुंबई : पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाजों माधव आप्टे और नरी कांट्रैक्टर ने सीके नायडू की 122वीं जयंती पर भारत में क्रिकेट में उनके योगदान को याद किया. दोनों ने घरेलू क्रिकेट मैच का वह किस्सा सुनाया जब चेहरे पर गेंद लगने से दांत टूटे के बावजूद नायडू ने अर्धशतक जड़ा था.

नायडू का जन्म 31 अक्तूबर 1895 को हुआ और वह भारत के पहले टेस्ट कप्तान थे. आदित्य भूषण ने नायडू पर किताब लिखी है जिसका शीर्षक ए कर्नल डेस्टाइन्ड टू लीड है जिसका कवर यहां सीसीआई में आप्टे और कांट्रेक्टर ने लांच किया था. वर्ष 1952 में रणजी ट्राफी फाइनल खेलने वाले आप्टे ने याद किया कि तब तत्कालीन बंबई और भारत के आलराउंडर दत्तू फडकर ने नायडू को बाउंसर फेंकी थी.

भारत के लिए सात टेस्ट खेलने वाले आप्टे ने कहा, उन्होंने (फडकर ने) बाउंसर फेंकी और सीके आगे बढ़कर खेले तथा उनका दांत टूट गया. मैं क्षेत्ररक्षण कर रहा था और दौड़कर उनके पास गया. उन्होंने हमें वापस भेज दिया और दोबारा बल्लेबाजी करने लगे. उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 60 के आसपास रन बनाए जिसमें दो छक्के भी शामिल थे. उस समय उनके साझेदार मामासाहेब जगदाले थे.
कांट्रेक्टर ने कहा, और उन्होंने (नायडू) कहा कि मुझे मत छुओ, उन्होंने अपना रमाल निकाला, नीचे गिरा हुआ दांत उठाया और उसे अपनी जेब में डाल लिया, बल्लेबाजी जारी रखी और 60 से अधिक रन बनाए. नायडू को कड़ा कप्तान करार देते हुए कांट्रेक्टर ने कहा कि सीके के लिए फिटनेस काफी मायने रखती थी.

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