पल्लेकेले : भारत की श्रीलंका पर जीत में महेंद्र सिंह धौनी ने अहम भूमिका निभायी. उनकी यह पारी इसलिए भी खास रही कि उन्होंने इसमें फ्रंट रोल की जगह सहायक का किरदार निभाया. ‘कैप्टन कूल’ रहे धौनी टीम इंडिया के अब तक के सबसे दमदार वनडे फिनिशर रहे हैं और हर रन के बाद वे अपने सहयोगी भुवनेश्वर को समझाते नजर आये. धौनी के साथ मिलकर श्रीलंका के खिलाफ दूसरे वनडे में भारत को हार की कगार से निकालकर जीत दिलाने वाले भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि पूर्व कप्तान ने उनसे टेस्ट क्रिकेट की तरह पारी खेलने को कहा था.
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भुवनेश्वर ने 53 रन बनाये और धौनी के साथ आठवें विकेट की नाबाद साझेदारी में 100 रन जोडे. भारत ने यह मैच तीन विकेट से जीता. भुवनेश्वर ने मैच के बाद कहा , कि जब मैं बल्लेबाजी के लिये उतरा तो धौनी ने मुझे टेस्ट क्रिकेट की तरह अपना स्वाभाविक खेल दिखाने को कहा. उन्होंने कहा कि दबाव नहीं लूं क्योंकि काफी ओवर बाकी है. हमें पता था कि आराम से खेलने पर लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं होगा.
उन्होंने कहा , कि मुझे पता था कि उन हालात में खोने के लिये कुछ नहीं था क्योंकि हमारे सात विकेट पहले ही गिर चुके थे. मैं सोच रहा था कि जितना हो सके, एम एस की मदद करुं. मैने वही कोशिश भी की. श्रीलंका के आफ स्पिनर अकिला धनंजया ने 54 रन देकर छह विकेट लिये और भारतीय मध्यक्रम की धज्जियां उडा दी. इससे पहले रोहित शर्मा और शिखर धवन ने आक्रामक शुरुआत की थी.
भुवनेश्वर की साहसिक और धौनी की धैर्य भरी पारी, भारत ने श्रीलंका को तीन विकेट से हराया
भुवनेश्वर ने कहा , कि यह हैरानी की बात थी क्योंकि शुरुआती साझेदारी बहुत अच्छी हुई थी. इसके बाद तीन चार विकेट गिर गए तो हम दबाव में आ गये. ड्रेसिंग रुम या एम एस धोनी की ओर से कोई संदेश नहीं था. ‘ ‘ उन्होंने कहा , कि उन्होंने सिर्फ यही कहा कि जितनी देर हो सके, क्रीज पर डटा रहूं. मैं भी यही चाहता था क्योंकि पूरे ओवर टिके रहने पर ही हम जीत सकते थे.