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जमशेदपुर : नक्सल प्रभावित समेत ग्रामीण इलाके में सड़क निर्माण, मरम्मत के लिए एक साल से टेंडर-टेंडर खेल

नक्सल प्रभावित इलाके में सड़क निर्माण करने के लिए एजेंसी व सरकारी स्तर पर किसी योजना को धरातल पर उतारने के लिए जरूरी ये है कि योजना को पूरा करने में विश्वास की कमी.

जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले में नक्सल प्रभावित समेत ग्रामीण इलाके में सड़क निर्माण या फिर विशेष मरम्मत के लिए एक साल से केवल टेंडर-टेंडर का खेल चल रहा है, लेकिन धरातल पर योजना नामोनिशान नहीं है. इस वजह से सुदूर गांव में रहने वाले बड़ी संख्या में गरीब लोग,किसान, महिलाएं, युवा, स्कूली बच्ची मौजूदा स्थिति खासकर जर्जर रोड,उसे दुरुस्त करने के लिए ऊपर से सही दिखने वाला सिस्टम कुल मिलाकर ग्रामीण अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. जबकि हेमंत सरकार ने नक्सल प्रभावित गांवों व सुदूर ग्रामीण इलाकों को विकास की मुख्य धारा में (बेहतर कनेक्टिविटी) जोड़ने के लिए योजना बनायी, इतना ही नहीं योजना की ससमय स्वीकृति दी, फंड भी उपलब्ध कराया, लेकिन योजना का कार्यान्वयन धरातल पर नहीं हुआ.

इन कारणों से बार-बार टेंडर हो रहा है

योजना को बनाने के लिए कोई एजेंसी रूची नहीं दिखा रही है. किसी योजना में एकल टेंडर के कारण टेंडर नियमानुसार रद्द करना पड़ रहा है. लेकिन सरकारी व्यवस्था में त्रुटियों को दूर कर योजना को धरातल पर उतारने के लिए जो प्रयास किया जा रहा है वह पर्याप्त नहीं है.इस कारण समस्या का समाधान होने के बजाय समस्या स्थायी रूप से ले रहा है.

विश्वास की कमी और एजेंसी की रूची नहीं ?

नक्सल प्रभावित इलाके में सड़क निर्माण करने के लिए एजेंसी व सरकारी स्तर पर किसी योजना को धरातल पर उतारने के लिए जरूरी ये है कि योजना को पूरा करने में विश्वास की कमी. या यह कहे कि ग्रामीण इलाकों में काम करने का माहौल,जमीन की उपलब्धता, अतिक्रमण, काम शुरू करने से लेकर समय पूरा करने में स्थानीय समस्या, एजेंसी को समय पर काम का भुगतान नहीं समेत अन्य बेसिक चीजे है, इस पर विभागीय स्तर पर कमी को दूर करने के लिए अन्य कारण इस पर ध्यान शीर्ष के पदाधिकारी देना पड़ेगा, तभी समस्या का स्थायी समाधान होगा.

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इन सड़कों की मरम्मत का चौथी बार निकला टेंडर

पिछले एक साल से नक्सल प्रभावित डुमरिया प्रखंड में जर्जर सड़क है, पिछले एक साल चौथी बार टेंडर निकाला गया, इसमें डुमरिया के चकरी से भागाबांध-5.4 किमी सड़क की विशेष मरम्मत,डुमरिया आरइओ पथ बिरसा चौक दासाडीह सड़क4.6 किमी सड़क की विशेष मरम्मत,डुमरिया आरइओ मुख्य पथ वयडीहा तर 5.4 किमी समड़ की विशेष मरम्मत,डुमरिया शिव मंदिर से कुदरसाई तक2.5 किमी सड़क की विशेष मरम्मत.इसी तरह पटमदा कटिंग से सुंदरपुर तीन सिमा चौक तक4 किमी सड़क की विशेष मरम्मत.सुंदरपुर तीन सिमा चौक से बंगाल सीमा तक8.6 किमीसड़क का विशेष मरम्मत, भुइयांसीनन डोरेन सिंह मुंडा चौक से लायलम तक 2.2 किमी सड़क की विशेष मरम्मत.इन योजना का लागत साढ़े सोलह करोड़ रुपये है.

इन सड़कों के मरम्मत की तीसरी बार टेंडर निकला

देंवकी चौक से धिरौल तक 4 किमी सड़क की विशेष मरम्मत,गोविंदपुर जादूगोड़ा रोड से कुलडाहा 1.4 किमी विशेष मरम्मत, पोराडीह से भालकी1.7 किमी सड़क की विशेष मरम्मत,नारदा बलिया मांझी के गर से काशियाबेड़ा 1.5 किमी सड़क की विशेष मरम्मत, पोटका उलनसाई से बारेटोला 1.2 किमी तक सड़क की विशेष मरम्मत, आरइओ मुख्य पथ से मानिकपुर सड़क 2.1 किमी तक विशेष मरम्मत, जयाडीह से बनकाटी तक 2.6 किमी तक विशेष मरम्मत. इन योजनाओं की लागत 10.88 करोड़ रुपये है.

इस सड़क के निर्माण की तीसरी बार टेंडर निकला

जमशेदपुर प्रखंड एनएच 33 के समीप चांदनी चौक से गोलकाटा तक 3किमी पथ का निर्माण.सूत्रों के मुताबिक 2.66 करोड़ की लागत से बनने वाले इस सड़क के पिछले दो टेंडरों में एजेंसी क्वालिफाइ नहीं करने बात सामने आयी है. जिले के नक्सल प्रभावित और ग्रामीण इलाके में सड़क मरम्मत व निर्माण को लेकर एकल टेंडर होने के कारण और टेंडर में एजेंसी के द्वारा रुची नहीं होने के कारण ये स्थिति हो रही है. वस्तु स्थिति की जानकारी विभाग को दी गयी है.

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