13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रामचरित मानस पाठ से परिवार में होता है सुख का वास

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम व जनकपुत्री जानकी का विवाह मार्गशीर्ष यानी अगहन मास की शुक्ल पक्ष पंचमी को हुआ था. इस बार विवाह पंचमी 1 दिसंबर को मनायी जायेगी. इसका उल्लेख श्रीरामचरितमानस में महाकवि गोस्वामी तुलसीदासजी ने किया है. इस पर्व को भारत के साथ-साथ नेपाल में भी प्रमुखता से मनाया जाता है, […]

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम व जनकपुत्री जानकी का विवाह मार्गशीर्ष यानी अगहन मास की शुक्ल पक्ष पंचमी को हुआ था. इस बार विवाह पंचमी 1 दिसंबर को मनायी जायेगी. इसका उल्लेख श्रीरामचरितमानस में महाकवि गोस्वामी तुलसीदासजी ने किया है. इस पर्व को भारत के साथ-साथ नेपाल में भी प्रमुखता से मनाया जाता है, क्योंकि वहीं माता सीता की जन्मस्थली जनकपुर है.
भगवान रात को चेतना और मां सीता को प्रकृति का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में दोनों का मिलन इस सृष्टि के लिए उत्तम माना जाता है. विवाह पंचमी के दिन भगवान श्री राम और माता सीता के संयुक्त रूप की उपासनी की जाती है. ऐसा करने से विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. इस दिन रामचरित मानस और बालकांड में भगवान राम और सीता के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ माना जाता है. इससे परिवार में सुख का वास होता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें