इस साल 18अप्रैल को आने वाली अक्षय तृतीया का दिन को बहुत ही शुभ माना जा रहा है. 11 साल बाद 24 घंटे का सर्वार्थ सिद्धि योग बना है जिसेखरीदारी सहित दूसरे शुभ कामों जैसे जमीन खरीदना, गृह प्रवेश, नएव्यापार की शुरुआत या फिर तीर्थ यात्रा के लिए शुभ माना जा रहा है. इतना ही नहींज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, इस दिन शुरू हुए कार्य को सफलता मिलने की संभावना भी है. साथ ही इस दिन को विवाह के लिए भी काफी शुभ माना जाता है.
वृंदावन में अक्षय तृतीया का खास महत्व
वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर में अक्षय तृतीया का महोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. महीनों पहले ही यहां पर अक्षय तृतीया की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. अक्षय तृतीया का दिन साल में एक ही ऐसा दिन होता है जब बांके बिहारी जी के चरणों के दर्शन श्रद्धालुओं को करवाए जाते हैं.
माना जाता है की इस दिन पींड केबिना भी श्राद्ध करने का विधान है. गंगा और तीर्थ स्नान का विशेष महत्व है. इसलिए जल से भरा कलश, पंखा, जूता, भूमि और गोदान भी महत्वपूर्ण होता है.
पंचांग की गणना के अनुसार वैशाख शुक्ल तृतीया यानी अक्षय तृतीया तिथि का आरंभ 18 अप्रैल को सुबहचार बजकर 47 मिनट से शुरू हो रहा है जो अगले दिन सुबहतीन बज करतीन मिनट पर खत्म होगा. इतने लंबे समय तक अक्षय तृतीया तिथि का रहना बहुत ही शुभ माना जा रहा है.
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पूजन की विधि
अक्षय तृतीया के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान या अन्य पवित्र स्नान करें. इसके बाद भगवान विष्णु का पूजा करें. बाद में लक्ष्मी नारायण की पूजा सफेद कमल अथवा सफेद गुलाब या पीले गुलाब से करें. नैवेद्य में जौ या गेहूं का सत्तू, ककड़ी और चने की दाल अर्पित करें. इसके बाद फल, फूल,बरतन तथा वस्त्र आदि ब्राह्मणों को दान के रूप में भी दें और इस दिन ब्राह्मण को भोजन भी करवाएं.
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