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पाकिस्तान पर कितना असर होगा!
कुलभूषण जाधव के मामले में निश्चित रूप में हमारा विदेश मंत्रालय खामोश नहीं बैठा है. मगर क्या हेग स्थित न्यायालय का अधिकार क्षेत्र में भारत एवं पाकिस्तान आता है? क्या उसके निर्णय इस्लामाबाद के लिए बाध्यकारी होंगे? पहली चिंता है कि उस न्यायालय सिर्फ इस बात का निर्णय हो रहा है कि क्या पाकिस्तान ने […]
कुलभूषण जाधव के मामले में निश्चित रूप में हमारा विदेश मंत्रालय खामोश नहीं बैठा है. मगर क्या हेग स्थित न्यायालय का अधिकार क्षेत्र में भारत एवं पाकिस्तान आता है? क्या उसके निर्णय इस्लामाबाद के लिए बाध्यकारी होंगे? पहली चिंता है कि उस न्यायालय सिर्फ इस बात का निर्णय हो रहा है कि क्या पाकिस्तान ने ‘जिनेवा संधि-पत्र’ का उल्लंघन किया है?
दूसरी चिंताजनक बात है कि भारत ने खुद अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को बाध्य किया है यह मानने को कि वह राष्ट्रमंडल देशों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. मार्च 1999 में एक पाकिस्तानी जहाज को भारत ने मार गिराया था और अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत की दलील थी कि दोनों मुल्क उसके दायरे में नहीं आते. उसी निर्णय के आधार पर पाकिस्तान ने चुनौती दी, तो मामला बिगड़ सकता है.
जंग बहादुर सिंह, इमेल से
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