भारतीय राजनीति आज बदलाव से प्रेरित है. ‘आप’ का उदय, नरेंद्र मोदी की युवाओं के बीच लोकप्रियता एवं विभिन्न क्षेत्रीय दलों का एक साथ आना, ये सारी खबरें महत्वपूर्ण हैं. लोकतंत्र में बदलाव आवश्यक है. मैं भी इसका समर्थक हूं, पर यह समय उचित नहीं है. मैं यहां आज से 30-32 साल पीछे जाना चाहूंगा, जब परिस्थिति कुछ ऐसी ही थी, सारा देश कांग्रेस के खिलाफ एकजुट था.
देश में गैर कांग्रेसी सरकार भी बनी, पर इसकी आयु लंबी नहीं रही. इसका एकमात्र कारण सत्ता में कुछ ऐसे लोगों की उपस्थिति थी जो अपने स्वार्थ के लिए द्वंद्वों में ही उलझे रहे. वर्तमान राजनीति ठीक वैसी ही है. ऐसे समय में पूरे विपक्ष को एकजुट खड़ा होकर देश की बागडोर एक ऐसे नेतृत्व को देनी चाहिए, जो देश की मान-प्रतिष्ठा को सर्वोपरि रखे. देश की जनता से अपील है कि विश्वसनीय दल को ही चुनें.
तन्मय बनर्जी, जमशेदपुर