शोध छात्र रोहित वेमुला आत्महत्या प्रकरण को केंद्र एवं विश्वविद्यालय प्रशासन ने गैरजिम्मेदाराना तरीके से संभाला है़ मंत्री स्मृति इरानी आज भी गलती पर गलती किये जा रही हैं
अगर शुरू में ही कुलपति प्रोफेसर अप्पा राव को निलंबित कर दिया जाता और शेष चारों विद्यार्थियों का निलंबन बिना शर्त वापस ले लिया जाता, तो आमजनों का क्रोध शांत किया जा सकता था़ मगर अब इतने दिनों बाद कुलपति अप्पा राव को छुट्टी पर भेजना, ऊपर से प्रोफेसर बिपिन श्रीवास्तव को कार्यभार सौंपना एक नासमझी भरा कदम है़
बीजेपी को इस प्रकरण ने गहरा नुकसान पहुंचाया है. अब तो दिवंगत रोहित के परिवार ने विश्वविद्यालय के आठ लाख रुपये की पेशकश को भी ठुकरा दिया है. इन सब कारणों से सरकार की छवि बिगड़ी है. अब भी समय है कि भूल सुधार हो. जो दोषी हों उन पर कार्रवाई हो. -जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी