दिल्ली के आम चुनाव के नतीजों से स्पष्ट है कि भले ही भाजपा को अधिक सीटें मिली हों, पर आम आदमी पार्टी (आप) के रूप में वहां की आम जनता ही जीती है. ‘आप’ के उम्मीदवार कोई राजनीति के पुराने खिलाड़ी नहीं थे, बल्कि इस पार्टी के नाम के अनुरूप आम आदमी थे जिनके सामने बड़े-बड़े दिग्गज हार गये.
महज एक साल पुरानी पार्टी को ऐसी सफलता मिलना इस बात का संकेत है कि आज आम जनता भ्रष्ट और राजनीतिक दावं-पेच वाले नेताओं की सरकार से अलग एक ईमानदार और बिल्कुल साफ-सुथरी सरकार चाहती है, जिसे वह खुद चला सके. सही को सही और गलत को गलत कह सके. ‘आप’ की जीत से यह भी स्पष्ट होता है कि देश की आम जनता अब बदलाव चाहती है. अन्ना हजारे से आग्रह है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में ‘आप’ का खुल कर साथ दें.
मोहम्मद सलीम, बरकाकाना