बीते सोमवार को फौजियों द्वारा नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है. निश्चित तौर पर इस प्रकार की घटनाएं निंदनीय हैं. देश का रक्षक ही अगर भक्षक बन जाये, तो यह शोचनीय बात है. अगर ऐसी घटनाएं होती हैं, तो हमारे मन में देश के फौजियों के प्रति नकारात्मक भाव पैदा होंगे.
देश का रक्षक अगर अपने पावर का इस्तेमाल गलत जगह पर गलत इरादे से करता है, तो वह दंड का भागी है. ऐसा भी संभव है कि देश में होनेवाली इस प्रकार की कितनी घटनाएं होती होेंगी, जो जनमानस के सामने नहीं आती होंगी. सवाल यह नहीं है कि ऐसी घटनाएं उजागर क्यों नहीं होतीं. सवाल यह है कि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगना चाहिए, ताकि फौज की स्वच्छ छवि पर दाग न लग पाये.
– पालूराम हेंब्रम, सालगाझारी