पिछले कई वर्षो से लड़कियां ही लड़कों से बहुत आगे चल रही हैं. अभी एक ताजा कुश्ती प्रतियोगिता में दिल्ली की पहलवान लड़की दिव्या सेन ने चुनौती देते हुए लखनऊ के पुरु ष पहलवान कौशल को ही चित कर दिया.
इससे पहले भी पिछले लगभग 20 वर्षो से लड़कियां ही ढेर सारी असुविधाओं और प्रतिबंधों के बावजूद कक्षा दसवीं, बारहवीं और अन्य अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं में भी आगे ही चल रही हैं. कांग्रेस में भी प्रियंका ही राहुल से कहीं आगे लगती हैं.
मगर दु:ख और दुर्भाग्य की बात यह है कि फिर भी देश में लड़कियों की जन्म दर यानी लिंगानुपात में निरंतर गिरावट ही चली आ रही है, जो राष्ट्र के लिए घातक सिद्ध हो रही है. इस गिरावट को अच्छे कार्य और शानदार प्रोत्साहन आदि के जरिये संतुलित किया जा सकता है. अत: सरकार इस पर विशेष बल दे.
वेद मामूरपुर, नरेला, दिल्ली