शिक्षा लोगों को किसी भी क्षेत्र में कार्य करने में निपुण बनाती है. जीवन तो हमें भगवान से मिलती है, मगर जीने का तरीका शिक्षा से ही मिलता है. शिक्षा से ही मनन शक्ति, चेतना, सदबुद्धि, विचारशीलता और ज्ञान प्राप्त होता है. हमारे देश की संस्कृति में नैतिक शिक्षा की भी परंपरा रही है.
इसके फलस्वरूप आरुणि जैसे गुरुभक्त शिष्य बनते है. प्राचीन शिक्षण पद्धति में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को जीवन का लक्ष्य माना जाता था. वेंदो के अनुसार, शिक्षा के द्वारा जीवन में विवेक जागृत होता है, जिससे वह बुद्धि का उपयोग कर सदगुण को अपने जीवन में लाने का प्रयास करता है.
शिक्षा वह साधन है, जो समाज को केवल शिक्षित ही नहीं, बल्कि व्यक्ति के आत्मीय विकास में अहम योगदान करती है. मनुष्य का जीवन बहुमूल्य है. इसीलिए तो कहा गया है ‘सा विद्या या विमुक्तये’ अर्थात विद्या हमें अमरता प्राप्त कराती है.
– हेमंत कुमार महतो, बुंडू