वर्ष 2013 से अगस्त 2015 तक पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा अब तक 40 भारतीय सैनिकों और 106 नागरिकों की हत्या कर दी गयी. वहीं, रावलपिंडी सैन्य मुख्यालय पर पाक सेना प्रमुख द्वारा भारत को दी गयी खुलेआम धमकी के बावजूद नौ सितंबर को द्विपक्षीय वार्ता के लिए पाकिस्तानी सैन्य प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित करना सरकार द्वारा 125 करोड़ भारतीययों का अपमान नहीं, तो और क्या है? हर भारतीय जानका है कि द्विपक्षीय वार्ता का हश्र क्या होता है? खास कर पाकिस्तान के मामले में तो सबको पहले से ही पता होता है.
वार्ता समाप्त होने के चंद दिनों बाद ही उसके सैनिकों की बंदूकों का रुख भारतीय सैनिकों और नागरिकों की ओर होगा. सरकार का एक ही घिसा पिटा बयान आयेगा कि हम मुंहतोड़ जवाब देंगे. सेना के जवानों को ईंट का जवाब पत्थर से देने का आदेश दे देना चाहिए.
– शिप्रा शिशिर, ई-मेल से