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बदहाली के चंगुल में फंसा है झारखंड
झारखंड में नयी सरकार को सत्ता संभाले हुए करीब आठ महीने बीत चुके हैं, लेकिन राज्य में विकास की स्थिति जस की तस बनी है. पूर्ण बहुमत के साथ सत्तासीन होनेवाली भाजपा सरकार भी विकास की गति में तेजी लाने में कामयाब साबित नहीं हो पा रही है. सरकार की ओर से अब तक कोई […]
झारखंड में नयी सरकार को सत्ता संभाले हुए करीब आठ महीने बीत चुके हैं, लेकिन राज्य में विकास की स्थिति जस की तस बनी है. पूर्ण बहुमत के साथ सत्तासीन होनेवाली भाजपा सरकार भी विकास की गति में तेजी लाने में कामयाब साबित नहीं हो पा रही है. सरकार की ओर से अब तक कोई कारगर कदम नहीं उठाये जा सके हैं.
वहीं, यदि हम बिहार से झारखंड की तुलना करें, तो उसकी राजधानी पटना में ही बीते एक दशक के दौरान आमूल परिवर्तन दिखायी देता है.
सड़कों पर फ्लाईओवरों का निर्माण कराया गया है, तो यातायात को सुगम बनाने के यथासंभव प्रयास किये गये हैं. वहीं, रांची की सड़कों पर नजर दौड़ायें, तो डेढ़ दशक पुरानी सड़कों की स्थिति यथावत है. मेरा झारखंड सरकार से सादर आग्रह है कि वह विकास की गति बढ़ाने की ओर ध्यान दे.
संजीत कुमार, दूधपनियां, हजारीबाग
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