17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आज भी गांवों की स्थिति यथावत है

योजना आयोग से लेकर नीति आयोग तक तथा पंचवर्षीय योजनाओं से लेकर हालिया प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना तक सरकार की लगभग सारी योजनाएं गांव और ग्रामीणों को केंद्र में रख कर ही बनायी गयीं. फिर भी हमारे गांव व ग्रामीण विकास की दौड़ में पीछे क्यों छूट गये? आजादी के बाद पहली बार करायी गयी सामाजिक, […]

योजना आयोग से लेकर नीति आयोग तक तथा पंचवर्षीय योजनाओं से लेकर हालिया प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना तक सरकार की लगभग सारी योजनाएं गांव और ग्रामीणों को केंद्र में रख कर ही बनायी गयीं. फिर भी हमारे गांव व ग्रामीण विकास की दौड़ में पीछे क्यों छूट गये?
आजादी के बाद पहली बार करायी गयी सामाजिक, आर्थिक व जाति आधारित जनगणना के माध्यम से ग्रामीण भारत की असली तसवीर उभर कर सामने आयी है. ये आंकड़े बीते छह दशक में विकास के नाम पर राजनीति करनेवाले सियासतदारों और नीति-निर्माताओं की कार्यप्रणाली की असलियत को बखूबी बयान करते हैं. आंकडे चीख-चीख कर गवाही दे रहे हैं कि अंग्रेजों के चले जाने के बाद भी सत्तासीन तथाकथित राजनेताओं ने देश के लिए कुछ नहीं किया. आज भी अधिकांश गांवों की स्थिति यथावत है.
सुधीर कुमार, गोड्डा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें