हाल ही में, दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के 49 दिन पूरे हुए, मगर पिछले साल की तुलना मे इन 49 दिनों में तो बहुत अंतर है जो साफ दिख रहा है.
उस समय अरविंद केजरीवाल जो धड़ाधड़ तेज गति से भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए कठोर कदम और आनन-फानन में लोकपाल, बिजली कंपनियों पर कार्रवाई, धरने, जनता दरबार का आयोजन और अस्थायी कर्मचारियों को अस्थायी करने के लिए समिति आदि के साथ बड़ी तेजी से आगे बढ़े थे, मगर यह अब टांय-टांय फिस्स हो गया है.
ऐसा लगता है कि केजरीवाल से अभी कार्य रूपी छोटे नदी-नाले तो पार नहीं हुए जा रहे और वे समुद्र में छलांग लगाने की तैयारी कर रहे हैं. दिल्ली की जनता ने जिस आशा से उन्हें सत्ता की चाबी सौंपी थी, वह धराशायी होता दिख रही है, तो वे विकास क्या करेंगे?
वेद प्रकाश, नरेला, दिल्ली