13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ऋण दरों में कमी से सकारात्मक संदेश

दो महीने के भीतर रेपो रेट में दूसरी बार कटौती करने के रिजर्व बैंक के फैसले को आम बजट पर सकारात्मक रुख के रूप में देखा जा रहा है. स्टॉक मार्केट ने भी अब तक की उच्चतम छलांग लगा कर इसका स्वागत किया है. रेपो रेट के 7.5 फीसदी होने से ब्याज दरों में कमी […]

दो महीने के भीतर रेपो रेट में दूसरी बार कटौती करने के रिजर्व बैंक के फैसले को आम बजट पर सकारात्मक रुख के रूप में देखा जा रहा है. स्टॉक मार्केट ने भी अब तक की उच्चतम छलांग लगा कर इसका स्वागत किया है. रेपो रेट के 7.5 फीसदी होने से ब्याज दरों में कमी होगी और नगदी की आवक बढ़ेगी.
इंफ्रास्ट्रक्चर में सरकारी खर्च में भारी वृद्धि तथा ऋण लेने की प्रक्रिया को सीमित कर वित्तीय घाटे को संतुलित करने के बजटीय प्रस्तावों के बाद रिजर्व बैंक से ऐसे फैसले की उम्मीद भी थी. गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि पूंजी संगठित करने का सरकार का यह कार्यक्रम देर से आया है, लेकिन इसके अच्छे नतीजे होंगे.
उन्होंने यह भी कहा है कि राज्य सरकारों को इसमें सहभागी होना पड़ेगा. हालांकि बजट में और अब इस कटौती के पीछे अर्थव्यवस्था की बेहतरी की उम्मीदें ही नहीं है, बल्कि कुछ चिंताजनक परिस्थितियों से निपटने की मजबूरी भी है. जनवरी में आठ मुख्य उद्योगों की वृद्धि दर 1.8 फीसदी तक आ गयी थी, जो पिछले 13 महीनों का सबसे निचला स्तर है. मांग और उत्पादन में कमी के कारण फरवरी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट पिछले पांच महीनों में सबसे कम रही है. यह सही है कि मुद्रास्फीति कम हो रही है, लेकिन विकास की गति निराशाजनक है. खुद राजन भी स्थिति की गंभीरता का उल्लेख कर चुके हैं. ऐसे में रिजर्व बैंक के सामने कोई और विकल्प भी नहीं था.
आम बजट ने उत्साह का संचार जरूर किया है, लेकिन सरकार के भीतर और बाहर के अनेक विशेषज्ञों की तरह राजन भी सकल घरेलू उत्पादन की नयी संख्याओं को संदेह की नजर से देखते हैं, जिनके आधार पर 2015-16 के वित्त वर्ष में 8- 8.5 फीसदी विकास दर की संभावना व्यक्त की जा रही है.
लेकिन, राजन को भी यह पता है कि कंपनियों पर भारी ¬ण है, बैंकों के कर्जे फंसे हुए हैं और कर राजस्व की दशा कमजोर है. नयी संख्याओं को मानने में हिचक इस बात का संकेत है कि अर्थव्यवस्था के बारे में पुरानी समझ का असर बहुत हद तक बरकरार है और नये सूत्रों के आधार पर पूरा आर्थिक विवरण आने तक यह बना रहेगा. रुपये की मजबूती ने भी इस निर्णय के लिए आधार दिया है. उम्मीद है कि इस निर्णय का लाभ आम जनता तक भी पहुंच कर राहत देगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें