राजनैतिक दलों पर आरटीआइ कानून के समर्थन में राजद के लोकसभा सदस्य रघुवंश प्रसाद सिंह पहले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने इसका खुला समर्थन किया है. यह सराहनीय कदम है. इस कानून से डरे-सहमे सभी दल बुरी तरह तिलमिला कर एकजुट हो चुके हैं, जो अब सबके सामने है और जिससे उनकी दोमुंही चाल उजागर हो चुकी है. मजे की बात तो यह है कि सफाई, सच्चाई और ईमानदारी की लंबी-चौड़ी दुहाई देने वाली भाजपा की भी कलई खुल चुकी है.
माननीय सुप्रीम कोर्ट के दागियों के खिलाफ ऐतिहासिक फैसले और इस ताजा आरटीआइ कानून पर वह चुप ही नहीं, बल्कि उन्हीं सभी दलों के साथ खड़ी दिख रही है. इससे यह बिल्कुल साफ है कि कांग्रेस और भाजपा में सिर्फ उन्नीस-बीस का ही फर्क है. केजरीवाल की नयी आम आदमी पार्टी को भी इस पर चुप देख कर बड़ी हैरानी है. इस बात से यह साफ है कि खुद भाजपा भी औरों की तरह सत्ता की मजेदार मलाई काटने की फिराक में ही है. उसे लगता है कि मोदी के सहारे वह सत्ता में आने वाली है, इसलिए क्यों इस शानदार बने-बनाये मजेदार महल को तोड़ा और छोड़ा जाये?
।। वेद प्रकाश ।।
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