रांची शहर में अतिक्रमण हटाने के नाम पर फुटपाथ पर दुकान लगानेवाले छोटे दुकानदारों की बेरोजगारी बढ़ायी जा रही है. एक ओर सरकार लोगों को रोजगार देने का दावा कर रही है, लेकिन यह सिर्फ बातों और वादों में ही सिमट कर रह गया है. प्रशासन पर अपना हंटर चलाते हुए बिना किसी वैकल्पिक स्थान के ही दुकानों को उजाड़ने में लगा है.
वहीं, सरकार भी शहर के सौंदर्यीकरण और सड़कों के चौड़ीकरण के नाम पर अपनी छवि को स्वच्छ बनाने की फिराक में लगी है. जिन लोगों के पास पूंजी का अभाव है, वही लोग सड़कों के किनारे दुकान लगा कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं. इनमें ज्यादातर शिक्षित बेरोजगार शामिल हैं, जिन्हें सरकार की ओर से सही समय पर रोजगार के समुचित अवसर उपलब्ध नहीं कराये गये. पहले सरकार उन्हें वैकल्पिक स्थान दे.
प्रताप कुमार तिवारी, रांची