देश में बैंकों, रेलवे तथा प्रशासनिक सेवाओं ने बड़ी संख्या में नियुक्तियों के लिए न्यौता दे रखा है. इन सारे रोजगार के अवसरों में एक बात सामान्य है. लिखित, मौखिक याशारीरिक परीक्षाएं. दूर–दराज से आने वाले हजारों की संख्या में परीक्षार्थी रेल का सहारा लेते हैं.
प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हर तरह के यात्रियों का भी इस भीड़ से सामना हो जाता है. ये बेरोजगार बच्चे ही तो हैं. हमारी सहानुभूति किस दिन काम आयेगी. कभी किसी ने भूलवश कायदे कानून बता दिया तो मालूम नहीं क्या हो जाये? अच्छा है आंखें बंद कर लें और एक सुशासन का सपना देखें. प्रगतिशील देश में सपनों को हकीकत में तब्दील करने की ताकत तो है ही.
सारी परीक्षाएं ऑनलाइन कर दी जायें तो परीक्षार्थियों की परेशानियां कुछ कम होंगी ही, रेलवे पर भी दबाव कम हो जायेगा. वेबकैम से जोड़कर परीक्षार्थियों को ऑनलाइन परीक्षा देने के लिए प्रेरित किया जा सकता है. निश्चित समय पर प्रश्न पत्र नेट पर उपलब्ध हों, जो परीक्षार्थी के पहचान पत्र और कैमरे की तसवीर से मेल खाने पर ही एक बार डाउनलोड हो. इससे परीक्षार्थियों की भी परेशानी कम होगी.
।। एमके मिश्र ।।
(रांची)