जब आदिवासी समुदाय अशिक्षित था, तब अंगरेजों ने तथाकथित तौर पर उनके हित में सीएनटी एक्ट बनाया था. आज यह समुदाय शिक्षित और जागरूक हो गया है. हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी निभा रहा है.
अंगरेजों के द्वारा सीएनटी एक्ट के नाम पर किया गया फूट का बीजारोपण आज फल-फूल रहा है. यह एक्ट जमीन के अधिकार के नाम पर दो वर्गो को आपस में बांटता है. हम भारत के नागरिक हैं. देश के किसी भी प्रांत में रोजगार पाने, निवास तथा शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार है. प्रांतीयता, जातीयता और भाषाई सीमा को लांघ कर हमें किसी भी स्थान पर प्रेम के साथ एकजुटता के साथ निवास करना चाहिए. मेरा निजी विचार है कि सीएनटी एक्ट को यदि पूरी तरह समाप्त करना संभव नहीं है, तो इसमें संशोधन होना चाहिए. इससे थाना क्षेत्र का प्रतिबंध हटना चाहिए.
चंद्र, बरियातू रांची