पड़ोसी देश पाकिस्तान रह-रह कर सीमा पर संघर्ष-विराम तोड़ रहा है. उसके शीर्षस्थ नेता जब भारत आते हैं, तो उनका रवैया कुछ होता है, लेकिन यहां से लौटने के बाद वे अपने पुराने रंग में रंग जाते हैं. गाहे-बगाहे सीमा पार से फायरिंग कर वह आखिर चाहता क्या है? खुलेआम युद्ध की घोषणा भी नहीं करता. लेकिन हालिया वारदातों के बाद यह तो साफ हो ही चुका है कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना होगा.
अगर पाकिस्तान युद्धविराम तोड़ता है तो हमारी सेना को भी मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए. इसके अलावा, सीमा पर सुरक्षा चाक-चौबंद करने की जरूरत है. इसके लिए सीमा में सैनिकों की पर्याप्त तैनाती करनी होगी. अगर पाकिस्तान के नापाक इरादों पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो हमारे लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं. भारत सरकार को जल्द से जल्द कड़े कदम उठाने होंगे.
राहुल शर्मा, गिरिडीह