सांसद और विधायक सिर्फ जन प्रतिनिधि ही नहीं होते. वे नियम बनानेवाले और देश चलानेवाले भी होते हैं. इसलिए इन्हें अपने हर वक्तव्य को काफी सोच-समझकर देना चाहिए. पिछले दिनों राज्यसभा सांसद जया बच्चन जी ने संसद में कहा था कि जिन्होंने हैदराबाद की डॉक्टर के साथ बलात्कार कर उसे जला दिया, उनकी मॉब लिंचिंग कर देनी चाहिए. जया जी काफी क्रोधित थीं, इसलिए उन्होंने ऐसा कह दिया होगा. मगर उन्हें आम आदमी जैसा बयान देने से बचना चाहिए था.
क्या उन्हें नहीं मालूम कि यह देश कानून और संविधान के प्रावधानों से चलता है. हमारे यहां कानूनी प्रक्रिया में देर क्यों होती है, इस पर सांसदों को मंथन करना चाहिए. केवल कानून कड़ा कर देने और मोमबत्ती वाले प्रदर्शनों से यह हैवानियत नहीं रुकनेवाली है. शिक्षा और संपन्नता के विस्तार से भी यह अपराध नहीं रुकनेवाला है. इसके लिए लोगों की मानसिकता में आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत है. अच्छी सोच की जरूरत है.
जंग बहादुर सिंह, जमशेदपुर, झारखंड