आये दिन अखबारों में सड़क दुर्घटनाओं की खबरें देखने को मिल जाती हैं. इसमें परिवार या तो किसी को खो देता है या लंबी परेशानी ङोलने को विवश होता है. आखिर इन दुर्घटनाओं की वजह क्या है, यह सवाल हर मन में रहता है क्योंकि कोई जान बूझकर दुर्घटना को न्योता नहीं देता है. जवाब स्पष्ट है, बढ़ती गाड़ियां और छोटी होती सड़कें.
जब इस तरह का असंतुलन हो तो नियंत्रण आवश्यक हो जाता है. सुव्यवस्थित यातायात नियंत्रण व्यवस्था ही सड़क दुर्घटनाओं को कम करने का उपाय है. दुर्भाग्य की बात है कि ट्रैफिक व्यवस्था कमाबेश अव्यवस्थित रूप में है. कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया. नियम तो बहुत हैं, पर उनका पालन कराने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है. नियम-कानून से बेफिक्र चालक मनमाफिक गाड़ियां दौड़ाते हैं. जरूरत है प्रशासनिक सख्ती की.
मनीष वर्मा, सरायढेला, धनबाद