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समृद्ध फिर भी कंगाली
झारखंड देश का सबसे समृद्ध राज्य है, लेकिन यहां के लोग बदहाल हैं, बेबस हैं, लाचार हैं, बेरोजगार हैं. यहां अब तक कोई कल-कारखाना नहीं खोला गया. जो फैक्टरियां थीं भी, वे बंद हैं या बंदी की कगार पर हैं. डॉक्टर, इंजीनियर बनने वाले झारखंडी आज दर-दर की खाक छान रहे हैं. स्थानीय नीति होने […]
झारखंड देश का सबसे समृद्ध राज्य है, लेकिन यहां के लोग बदहाल हैं, बेबस हैं, लाचार हैं, बेरोजगार हैं. यहां अब तक कोई कल-कारखाना नहीं खोला गया. जो फैक्टरियां थीं भी, वे बंद हैं या बंदी की कगार पर हैं. डॉक्टर, इंजीनियर बनने वाले झारखंडी आज दर-दर की खाक छान रहे हैं.
स्थानीय नीति होने के बावजूद इस राज्य के युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है. जब अपने ही राज्य में उन्हें नौकरी के लिए नहीं पूछा जायेगा, तो दूसरे राज्यों में कौन इन्हें पूछेगा. जेपीएससी, जिसे प्रतिवर्ष परीक्षा लेकर नौकरी देनी है, भाई-भतीजावाद का केंद्र बन गया है.
2014 का फार्म भरने वाले अब तक इंतजार में हैं, कब परीक्षा होगी? पांच वर्ष के बाद भी परीक्षा नहीं हो सकी. दुमका, चाईबासा में जो भी इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, उनमें झारखंडवासी नहीं के बराबर हैं. सरकार को यह सुनिश्चित करनी चाहिए कि जेपीएससी की परीक्षा नियमित हो, जिससे बेरोजगारी की समस्या कम होगी.
राम गोपाल प्रसाद, नगरउंटारी, गढ़वा
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