सरकार ने रमजान माह के दौरान बॉर्डर पर सीज फायर रोकने का फैसला लिया. दरअसल सरकार ने भटके युवाओं को मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया था, लेकिन सरहद पार से रमजान में भी फायरिंग करने का दुस्साहस नहीं रुक रहा है. लगातार फायरिंग की जा रही है और सेना की चौकियों पर गोले दागे जा रहे हैं. इसका असर आबादी पर पड़ रहा है.
सरकार की नीति से अलगाववादी और आतंकवादी जरूर बेनकाब हो रहे हैं, लेकिन सरकार के फैसले का राजनीतिक तौर पर कोई असर नही दिख रहा है. पाकिस्तान पर जवाबी कार्यवाही न होना दुश्मन को खुली छूट देने जैसा है, क्योंकि इस आदेश से भारतीय सेना के हाथ कार्यवाही के लिए बंध गये हैं.
महेश कुमार, सिद्धमुख, राजस्थान.