27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गोरखपुर कांड ने याद दिलायी छपरा ‘मिड डे मील’ दुर्घटना की, आखिर लापरवाही छोड़ व्यवस्था कब सुधारेंगी सरकारें

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में बीते 48 घंटे के दौरान 30 बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हो गयी. मरने वाले बच्चों में 13 बच्चे एनएनयू वार्ड और 17 इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती थे. बताया जा रहा है कि 69 लाख रुपये का भुगतान न होने की वजह […]

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में बीते 48 घंटे के दौरान 30 बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हो गयी. मरने वाले बच्चों में 13 बच्चे एनएनयू वार्ड और 17 इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती थे. बताया जा रहा है कि 69 लाख रुपये का भुगतान न होने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने ऑक्सीजन की सप्लाई गुरुवार की रात से ठप कर दी थी. इसके बाद अचानक से अॉक्सीजन की कमी हो गयी और प्रबंधन की लापरवाही से 30 बच्चों की मौत हो गयी. मरने वाले बच्चों की संख्या 60 तक पहुंच गयी है. हालांकि सरकार की ओर से यह सफाई दी गयी है कि बच्चों की मौत आक्सीजन की कमी से नहीं हुई है. सच्चाई क्या है यह तो जांच के बाद स्पष्ट होगा, लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि बच्चों की मौत में आक्सीजन की कमी कोई मुद्दा ही नहीं हो, ऐसा नहीं है. हां, सरकार अपनी लापरवाही को पर्दों में छुपाने की कोशिश में लगी है, इससे सभी वाकिफ हैं. हमारे देश में कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जब लापरवाही के कारण कई बच्चों की जान गयी है. ऐसी घटनाएं पूरे देश को झकझोर कर रख देती हैं.

गोरखपुर त्रासदी : ऑक्सीजन सप्लाई करनेवाली कंपनी ने पल्ला झाड़ा, कहा- पत्र लिख कर दी थी सूचना, पढ़ें पूरी खबर

जहरीला ‘मिड डे मील’ खाकर बिहार में मरे थे 22 बच्चे

हमारे जेहन में बिहार के छपरा जिले में मिड डे मील के कारण 22 बच्चों के मौत की घटना अभी भी ताजा है. यह घटना वर्ष 2013 की है. जब मध्याह्न भोजन खाने के बाद छोटे-छोटे 22 बच्चों की मौत हो गयी थी. उस वक्त यह बताया गया था कि खाना बनाने वाले तेल में मिलावट थी और उसी के कारण बच्चों की मौत हुई. यह घटना पूरी तरह से लापरवाही की थी, क्योंकि जब इस बात से स्कूल प्रबंधन अच्छी तरह से वाकिफ था कि तेल मिड डे मील में प्रयुक्त होगा और उससे बने भोजन को छोटे-छोटे बच्चे खाते हैं, तो फिर ऐसा तेल खरीदा ही क्यों गया था. घटना के बाद स्कूल कीप्रिसिंपल मीना कुमार की गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन दुर्भाग्य कि बात यह है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी मिड डे मील में की तरह की शिकायतें अभी भी मिल रही हैं.

गोरखपुर में बड़ा हादसा, ऑक्सीजन खत्म होने से 30 बच्चों की मौत

बंगाल के मालदा जिले में सरकारी अस्पताल में 20 नवजात की मौत

वर्ष 2012 में बंगाल के मालदा जिले के एक सरकारी अस्पताल में दो दिन के अंदर 20 नवजात की मौत हुई थी. बताया गया था कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण यह मौत हुई है. अस्पताल में मात्र 30 बच्चों के लिए बेड उपलब्ध है, जबकि सौ से अधिक बच्चों को एडमिट किया गया था. यह तो मात्र कुछ उदाहरण है हमारे देश में व्यवस्था में खराबी के कारण कई बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. बावजूद इसके सरकारी अस्पतालों, कार्यालयों और स्कूलों की स्थिति जस की तस बनी हुई है. जब कोई दुर्घटना होती है, तो कार्रवाई के नाम पर कुछ अधिकारी निलंबित होते हैं लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं हो पाता है. सरकारी अस्पताल, स्कूल बदहाल हैं और भुगत आम जनता रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें