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गेहूं की खरीद शुरू नहीं, किसान बिचौलियों को बेचने के लिए विवश

छपरा : सरकार ने चालू गेहूं अधिप्राप्ति वर्ष में सारण जिले में छह हजार एमटी गेहूं अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा है. वहीं, एक अप्रैल, 2019 से 30 जून, 2019 तक पैक्स व व्यापार मंडल के माध्यम से गेहूं अधिप्राप्ति का निर्देश देते हुए जिला सहकारिता पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया है. परंतु, सारण में अब […]

छपरा : सरकार ने चालू गेहूं अधिप्राप्ति वर्ष में सारण जिले में छह हजार एमटी गेहूं अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा है. वहीं, एक अप्रैल, 2019 से 30 जून, 2019 तक पैक्स व व्यापार मंडल के माध्यम से गेहूं अधिप्राप्ति का निर्देश देते हुए जिला सहकारिता पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया है.

परंतु, सारण में अब तक गेहूं की अधिप्राप्ति का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. ऐसी स्थिति में किसान अपनी उपज को औने-पौने दाम में बिचौलियों के माध्यम से बेचने को विवश हैं.
वहीं क्रय एजेंसिया व पदाधिकारी लोकसभा आम चुनाव के अलावा सरकार के गेहूं अधिप्राप्ति के संबंध में फरमानों को भी गेहूं अधिप्राप्ति कार्य शुरू नहीं होने में बड़ी बाधा मान रही है. इसके अलावा भी कई कारण किसानों के उपज को सरकार द्वारा निर्धारित दर पर बेचकर उपज का बेहतर राशि पाने में बाधक बने हैं.
किसानों में है मायूसी
सरकार के द्वारा निर्देश दिया गया है कि किसानों का गेहूं उनके द्वारा ऑनलाइन आवेदन व पंजीकरण के आधार पर 1840 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदना है. इस मद में सरकार ने दो करोड़ दो लाख रुपये कैश क्रेडिट मद में भी आवंटन जिले को दे दिया है.
परंतु, कहीं भी अधिप्राप्ति सरकार स्तर पर नहीं होने से किसानों में मायूसी है. मालूम हो कि गत वर्ष भी सरकार ने छह हजार एमटी गेहूं अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा था.
परंतु, अधिप्राप्ति महज 701.09 एमटी ही हो पायी थी. इस वर्ष में अबतक की अधिप्राप्ति की प्रगति संतोषजनक नहीं दिखती. जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा गत वर्ष दी गयी सूचना के अनुसार दो लाख 88 हजार 860 एमटी गेहूं का उत्पादन हुआ था. परंतु, चालू वर्ष में अब तक गेहूं के उत्पादन का अनुमान भी नहीं लग पाने की बात जिला कृषि पदाधिकारी जयरामपाल बताते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
सरकार ने पीडएस का व्यवसाय करने वाली पैक्स एवं व्यापार मंडल को धान अधिप्राप्ति से अलग रखा है. वहीं लोकसभा चुनाव का भी कार्य चल रहा है. ऐसी स्थिति में सरकार के द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है.
परंतु, अभी तक गेहूं की फसल की कटनी का कार्य पूरी तरह से नहीं होने पाने के कारण भी खरीद का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. शीघ्र ही अधिप्राप्ति कार्य शुरू कराने के लिए आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं.
नेसार अहमद, जिला सहकारिता पदाधिकारी
कई पदाधिकारी और कर्मी चुनाव ड्यूटी में जुटे
सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति का आदेश तो दिया गया है, परंतु इसी अवधि में सारण जिले में छह मई तथा 12 मई को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मतदान होना है. इसको लेकर धान अधिप्राप्ति से जुड़े कई पदाधिकारी व कर्मी चुनाव ड्यूटी में लगे हैं.
इसके अलावा सरकार ने आदेश दिया है कि वैसी पैक्स जो जनवितरण प्रणाली के लाइसेंसी हैं, उन्हें धान अधिप्राप्ति कार्य से अलग रखना है. वहीं वैसी पैक्स जो 31 मार्च, 2018 तक ऑडिट नहीं हुआ है, उन्हें भी तथा किसी न किसी कारणवश व्यवसाय करने से रोक लगायी गयी पैक्स को भी गेहूं अधिप्राप्ति नहीं करनी है.
जिले में 323 पैक्स तथा 20 व्यापार मंडल है. उनमें सोनपुर अनुमंडल की 45, मढ़ौरा अनुमंडल की 74 तथा छपरा सदर के 165 समेत कुल 284 पैक्स जनवितरण प्रणाली की दुकान चलाते हैं. इसके अलावा डेढ़ दर्जन पैक्स के अध्यक्ष ने अपने पैक्स का 31 मार्च, 2018 तक ऑडिट नहीं कराया है, तो कुछ पैक्स को तीन से चार करोड़ रुपये बकाया रखने के कारण व्यवसाय करने से रोका गया है.
ऐसी स्थिति में 20 व्यापार मंडल तथा लगभग तीन दर्जन पैक्स ही शेष बचते हैं, जो धान अधिप्राप्ति का कार्य कर सकते हैं. जिला सहकारिता विभाग से जुड़े क्रय एजेंसियों का यह भी कहना है कि सरकार ने गत वर्ष अधिप्राप्ति क्रय एजेंसियों के लिए प्रति क्विंटल खरीदारी पर कमीशन के दर भी निर्धारित की थी.
परंतु, अब तक सरकार ने क्रय एजेंसियों का कमीशन भुगतान नहीं किया. वहीं इस वर्ष अबतक सरकार ने कमीशन की कोई नयी दर भी निर्धारित नहीं की है. ऐसी स्थिति में क्रय एजेंसियों में उदासीनता देखी जा रही है. वहीं सरकार के फरमान के कारण पानापुर, सोनपुर समेत तीन प्रखंडों में एक भी पैक्स ऐसी नहीं बच रही है जहां गेहूं की अधिप्राप्ति हो सके.

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