23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बेलगाम होता पाकिस्तान

कोई अस्थिर पड़ोसी देश बार-बार उकसावा दे, नुकसान पहुंचाने पर आमादा हो, तो ऐसी चुनौती का क्या समाधान निकालना चाहिए? कश्मीर के सीमावर्ती इलाके में पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ, गोलीबारी और दो भारतीय जवानों के शव के साथ बर्बरता के बरताव के बाद हमारी सरकार को यह सवाल निश्चित ही मथ रहा होगा. एक बार […]

कोई अस्थिर पड़ोसी देश बार-बार उकसावा दे, नुकसान पहुंचाने पर आमादा हो, तो ऐसी चुनौती का क्या समाधान निकालना चाहिए? कश्मीर के सीमावर्ती इलाके में पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ, गोलीबारी और दो भारतीय जवानों के शव के साथ बर्बरता के बरताव के बाद हमारी सरकार को यह सवाल निश्चित ही मथ रहा होगा.

एक बार फिर यह साबित हुआ है कि मसला अफगानिस्तान या कश्मीर का हो, तो फैसला पाकिस्तानी सेना करती है, जनता के प्रतिनिधि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ चुप बैठे देखते रहते हैं. खबर आयी थी कि पाकिस्तान पहुंचे इस्पात के एक बड़े भारतीय व्यवसायी का हवाई अड्डे पर नवाज शरीफ के परिवारजन की मौजूदगी में स्वागत हो रहा है और कारोबार में निजी रुचि रखनेवाले नवाज भारतीय कारोबारी से मिलने को उतावले हो रहे हैं, सो बड़ी संभावना है कि रिश्तों को बहाल करने के लिहाज से दोनों देश ट्रैक टू के इस्तेमाल पर सहमत हो गये हैं. लेकिन, ऐसी संभावनाओं पर बात आगे बढ़े, इसके पहले ही कश्मीर में पाकिस्तानी सैनिकों की घुसपैठ और बर्बरता की खबर आ पहुंची. अब भारत के सामने चुनौती आगे का क्या रुख तय करने की है.

भारत फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजिल डोभाल की सोच पर अमल करते हुए कश्मीर में पाकिस्तानी सैन्यबल की घुसपैठ और आतंकवादी कार्रवाइयों की चाल की काट के लिए जोरदार जवाबी कार्रवाई की रणनीति अपनाये हुए है. चूंकि पाकिस्तान की सेना दोनों देशों की निर्वाचित सरकारों के आपसी सहयोग के प्रयासों में खलल डालने के लिए हमेशा ही कश्मीर में गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश करती आयी है, सो भारत के लिए अच्छा यही होगा कि वह कश्मीर में पाकिस्तानी फौज के उकसावे की कार्रवाइयों को दोनों देशों के आपसी संबंधों का एकमात्र निर्णायक मसला न बनाये. घुसैपठ की जगहों पर चौकसी को दुरुस्त और मुस्तैद किया जाना चाहिए. प्रतिकार के तौर पर पाकिस्तानी इलाके में भारतीय सेना कुछ निर्णायक सामरिक पहल की नीति भी अपना सकती है. अपने सैन्य बलों के पराक्रम के जरिये कश्मीर में पहले भी सरकार ने पाकिस्तानी फौज को बारंबार सुलह के लिए मजबूर किया है. सीमित स्तर पर सैन्य कार्रवाई का विकल्प हमेशा खुला हुआ है.

कश्मीर में अलगाववादी भावनाएं भड़काने के साथ आतंकियों को शह देने तथा सीमा और नियंत्रण रेखा पर युद्ध-विराम का लगातार उल्लंघन कठोर प्रतिकार के लिए पर्याप्त कारण हैं, पर भारत ने अपनी प्रतिक्रिया में हमेशा ही संतुलित और धैर्यपूर्ण रवैया अपनाया है. संतोष की बात है कि देश को युद्धोन्माद में ढकेलने की जगह सरकार और सेना तकरीबन इसी समझ के अनुरूप अपनी जवाबी रणनीति बना रही हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel