26.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

जरूरी शैक्षणिक सुधार

उच्च शिक्षा से जुड़ीं प्रवेश परीक्षाएं एक स्वतंत्र राष्ट्रीय संस्था द्वारा कराये जाने के फैसले पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है. फिलहाल मेडिकल कॉलेजों और आइआइटी में दाखिले तथा कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए होनेवाली परीक्षाओं समेत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) द्वारा नौ परीक्षाएं करायी जाती हैं. इसके अलावा अखिल […]

उच्च शिक्षा से जुड़ीं प्रवेश परीक्षाएं एक स्वतंत्र राष्ट्रीय संस्था द्वारा कराये जाने के फैसले पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है. फिलहाल मेडिकल कॉलेजों और आइआइटी में दाखिले तथा कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए होनेवाली परीक्षाओं समेत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) द्वारा नौ परीक्षाएं करायी जाती हैं. इसके अलावा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् और अन्य कुछ संस्थाएं भी प्रवेश परीक्षाएं और योग्यता परीक्षाएं संचालित करती हैं.
नेशनल टेस्ट एजेंसी के बन जाने से इन सभी संस्थाओं का बोझ कम होगा और परीक्षा प्रक्रिया में सामंजस्य स्थापित होगा. अक्सर परीक्षाओं में गड़बड़ी और अव्यवस्था की शिकायतें आती हैं. विभिन्न परीक्षाओं में हर साल शामिल होनेवाले करीब 40 लाख छात्रों को अब एक स्तरीय प्रणाली का लाभ मिलने की आशा की जा सकती है. अब ये संस्थाएं अपनी बुनियादी जिम्मेदारियों और शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर अधिक ध्यान दे सकेंगी.
एक परीक्षा में असफल हो जाने पर छात्रों को साल भर का इंतजार करना पड़ता है. केंद्रीय कैबिनेट के बयान में कहा गया है कि ऑनलाइन माध्यम से अब साल में दो बार छात्र अपनी प्रतिभा को आजमा सकेंगे. उच्च स्तरीय परीक्षाओं के साथ एक समस्या यह है कि देहात और दूर-दराज के इलाकों के छात्रों को परीक्षा में शामिल होने के लिए बड़े शहरों में जाना पड़ता है. जिलों में राष्ट्रीय एजेंसी के परीक्षा केंद्र बनने से इस मुश्किल से निजात मिल सकेगी. ऐसी स्वायत्त संस्था की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी. देश की लगभग हर परीक्षा में कभी-न-कभी बड़ी धांधली, प्रश्न-पत्रों में गलतियां, परीक्षाओं के समय में टकराव आदि जैसी खामियों से छात्र जूझते रहते हैं. उच्च शिक्षा और पेशेवर क्षेत्रों से संबद्ध होने के कारण इन परीक्षाओं में प्रतिभाशाली छात्र बैठते हैं.
गड़बड़ियां उनके भविष्य के लिए बड़ा खतरा बन जाती हैं और इनकी वजह से संस्थाओं पर से भरोसा भी कम होने लगता है. नेशनल टेस्ट एजेंसी इन दिक्कतों का समाधान करने में काफी हद तक सफल हो सकती है. हमारी शिक्षा की दशा और दिशा को वैश्विक स्तर पर लाने की दिशा में यह सुधार एक बड़ा कदम है. उम्मीद है कि इस एजेंसी को स्थापित करने की प्रक्रिया में समुचित गंभीरता बरती जायेगी ताकि बड़ी कमियों से बचा जा सके. नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर भी निर्णय जल्दी लिये जाने की आशा है. शिक्षा का सीधा संबंध देश की समृद्धि और उसके विकास से है.
उल्लेखनीय उपलब्धियों के बावजूद इस क्षेत्र में हम विकसित और बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों से बहुत पीछे हैं. प्रवेश परीक्षाओं के स्तर का संतोषजनक न होना भी शैक्षणिक बदहाली का एक बड़ा कारण है. उम्मीद की जानी चाहिए कि नेशनल टेस्ट एजेंसी के बनने से इस खामी को दूर किया जा सकेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें