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अनाज आपूर्ति प्रबंधन के चरमरा जाने की आशंका, आज से बगैर सहायक प्रबंधक के हो गये 100 गोदाम

संजय, रांची : खाद्य आपूर्ति विभाग से संबद्ध राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के विभिन्न प्रखंडों में स्थित करीब 100 गोदाम में एक अप्रैल से कोई सहायक प्रबंधक नहीं होगा. इससे अनाज की खाद्यान्न अापूर्ति प्रबंधन के चरमरा जाने की संभावना है. चुनाव के वक्त बिना वैकल्पिक व्यवस्था किये संविदा पर कार्यरत 63 सहायक गोदाम प्रबंधकों […]

संजय, रांची : खाद्य आपूर्ति विभाग से संबद्ध राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के विभिन्न प्रखंडों में स्थित करीब 100 गोदाम में एक अप्रैल से कोई सहायक प्रबंधक नहीं होगा. इससे अनाज की खाद्यान्न अापूर्ति प्रबंधन के चरमरा जाने की संभावना है.

चुनाव के वक्त बिना वैकल्पिक व्यवस्था किये संविदा पर कार्यरत 63 सहायक गोदाम प्रबंधकों की सेवा समाप्त कर दिये जाने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है. दरअसल, निगम के राज्य भर में स्थित 212 गोदामों का काम किसी तरह चल रहा है.
मानव संसाधन की घोर कमी के कारण इनमें से करीब 100 गोदामों में सहायक प्रबंधक का काम निगम से ही सेवानिवृत्त हुए लोगों से संविदा पर प्रतिनियुक्त कर कराया जा रहा है. इधर 63 प्रबंधकों की सेवा 31 मार्च को समाप्त हो गयी.
निगम ने इन्हें अवधि विस्तार नहीं दिया. इनमें से कई प्रबंधक दो से तीन गोदामों के प्रभार में थे. इस तरह करीब 100 गोदाम में कामकाज ठप हो जाने की संभावना है. साहेबगंज व हजारीबाग सहित विभिन्न जिलों के उपायुक्तों ने भी यही आशंका जतायी है.
दरअसल संविदा पर कार्यरत लोगों की सेवा समाप्ति के बाद निगम के प्रबंध निदेशक बद्रीनाथ चौबे ने सभी जिलों के उपायुक्तों को अभी 28 मार्च को पत्र लिख कर उनसे विलेज लेबल वर्कर (जनसेवक) सहित पर्यवेक्षक स्तर के कर्मियों व पदाधिकारियों को इन गोदामों का प्रभार देने का आग्रह किया है.
उन्होंने लिखा कि ऐसा नहीं करने से आपूर्ति व्यवस्था बाधित हो जायेगी. इधर उपायुक्तों, जिला आपूर्ति पदाधिकारियों तथा निगम के जिला प्रबंधकों ने निगम को सूचित किया है कि पहले से कुछ लोग गोदामों में प्रतिनियुक्त किये गये हैं, जिससे उनका मूल काम प्रभावित हो रहा है.
वहीं अभी लोकसभा चुनाव के कारण आदमी की कमी है. ऐसे में निगम से पूर्व से संविदा पर कार्यरत लोगों को ही चुनाव पूर्ण होने तक कार्य में रखने का अनुरोध किया गया है. इधर 31 मार्च तक इस संबंध में कोई पहल न होने से ऊहापोह की स्थिति बन गयी है.
खाली गोदामों में गोदाम संचालक की प्रतिनियुक्ति के लिए जिले के उपायुक्तों को कहा गया है. उन्हीं को यह काम करना है.
-रामचंद्र पासवान, महाप्रबंधक (राज्य खाद्य निगम)
अनाज आपूर्ति हो सकता है प्रभावित
सहायक गोदाम प्रबंधकों का काम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के गोदाम से परिवहन अभिकर्ताअों के ट्रक पर अाने वाले अनाज को तौल कर गोदाम में रखना तथा फिर इस अनाज को तौल कर जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के दुकानदारों को डोर स्टेप डिलिवरी देना है.
ऐसे चल रहे हैं निगम के गोदाम
सौ को छोड़ शेष 112 गोदामों में भी जनसेवक, प्रखंड पशुपालन या सहकारिता पदाधिकारी प्रतिनियुक्त हैं. जिन पर खाद्य आपूर्ति विभाग का सीधा नियंत्रण नहीं है. पलामू के मोहम्मद गंज तथा गढ़वा के 15 प्रखंड गोदाम तो बीडीअो के प्रभार में है.
एक अधिकारी ने अनाज गोदामों को भी कोषागार जितना महत्वपूर्ण बताया. कहा कि यहां एक-दो बोरी अनाज भी इधर-उधर करने पर तुरंत कैश मिल सकता है.
एक भी गोदाम प्रबंधक नहीं
दरअसल राज्य के किसी गोदाम में एसएफसी का अपना आदमी नहीं है. पूरी व्यवस्था कामचलाऊ तरीके से चल रही है. प्रभार व प्रतिनियुक्ति पर. ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव ने निगम के पदाधिकारियों से कहा भी था कि ग्रामीण इलाके में अनाज का गबन होता है. पर संविदा पर ही सही, प्रबंधकों की नियुक्ति नहीं हो रही है.
पहले रद्द व्यवस्था फिर होगी लागू
राज्य खाद्य निगम ने मार्च 2018 में बाहरी एजेंसी से आउट सोर्सिंग के माध्यम से गोदाम संचालन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया था. पर दिल्ली की एक कंपनी सोहनलाल कोमोडिटी मैनेजमेंट प्रा.लि. से करार हो जाने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था. कंपनी की जमानत राशि व बैंक गारंटी (25 लाख रु) लौटा दी गयी थी. अब फिर से इसी पैटर्न पर गोदाम संचालन के लिए ई-टेंडर नोटिस निकाला गया है.

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