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अब जीएसटी में कर का सारा बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ेगा : आरके साहू

रांची: केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्त आरके साहू ने कहा है कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में 17 प्रकार के करों को एक किया गया है. इसमें नौ प्रकार के कर पहले राज्य सरकारें वसूलती थीं और केंद्र सरकार आठ तरह के कर लेती थी. अब इसे एक कर चार तरह का स्लैब बना दिया […]

रांची: केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्त आरके साहू ने कहा है कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में 17 प्रकार के करों को एक किया गया है. इसमें नौ प्रकार के कर पहले राज्य सरकारें वसूलती थीं और केंद्र सरकार आठ तरह के कर लेती थी. अब इसे एक कर चार तरह का स्लैब बना दिया गया है. यह पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत व 28 प्रतिशत तक होगा. राजस्व बंटवारे को लेकर जीएसटी की अधिसूचना जारी नहीं की गयी है.

श्री साहू शुक्रवार को होटल बीएनआर में ऑयल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों, रिटेलरों, ट्रांसपोर्टरों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अब जीएसटी में कर का सारा बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. बिजनेस टू बिजनेस और बिजनेस टू कंज्यूमर (बी2सी) पर कर नहीं थोपा गया है. अब राज्यों में काम कर रहे विक्रेताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा भी मिलेगी. निर्यातकों के लिए किसी भी तरह का कोई कर नहीं लगाया गया है. उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट और शराब को अभी जीएसटी से अलग रखा गया है. इससे केंद्र व राज्य सरकारों को सबसे अधिक राजस्व मिलता है. जल्द ही जीएसटी परिषद इस पर अपना अंतिम निर्णय लेगा. केंद्र सरकार संविधान की धारा 246(1) के तहत पेट्रोलियम उत्पाद व तंबाकू पर उत्पाद शुल्क लगेगा. वहीं राज्य सरकार अपने हिसाब से इन पर कर लगाने की पहल करेगी. देश में अब किसी प्रकार का कोई चेक पोस्ट नहीं रहेगा. इससे उत्पादों के यातायात का शुल्क 25 से 30 फीसदी कम होगा.
तीन तरह के कर का है प्रावधान
श्री साहू ने कहा कि जीएसटी के दौर में तीन तरह के कर लगेंगे. एक आइजीएसटी है. इसमें एक ही राज्य में होनेवाली सामान की आपूर्ति पर कर लेने का प्रावधान किया गया है.दूसरा कर है एसजीएसटी व सीजीएसटी. इसमें राज्य व केंद्र सरकार का 50-50 प्रतिशत कर रहेगा. तीसरा कर भी आइजीएसटी है, जो आयातित होनेवाली वस्तुओं पर लगेगा. उन्होंने कहा कि अब कोई भी व्यापारी जिसका कारोबार 20 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें नया टैक्स इनवॉयस नंबर (टीआइएन) लेना होगा, जिसे जीटीआइएन कहा जायेगा. यह तीन दिनों में लोगों को मिलेगा. केंद्र सरकार सभी राज्यों के रेंज कार्यालयों में जीएसटी सुविधा केंद्र व जीएसटी विशेषज्ञों की नियुक्ति कर रही है.
ऑनलाइन रिटर्न महीने में तीन बार भरना जरूरी
जीएसटी आयुक्त ने कहा कि जीएसटीआर-1 के तहत 20 लाख से ऊपर का कारोबार करनेवालों को ऑनलाइन रिटर्न भरना होगा. छोटे व्यापारियों को हर बिक्री का ब्योरा नहीं देने की जरूरत है, वे अपना एक समेकित बिक्री रिपोर्ट जीएसटी को उपलब्ध करायेंगे. महीने में दो बार व्यापारियों, कारोबारियों को कर का भुगतान करना होगा है. मौके पर अपर आयुक्त दिप्ती जयराज, वाणिज्य कर उपायुक्त जीके तिवारी, मनीष विजय, संयुक्त आयुक्त आरपी वर्णवाल ने जीएसटी के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी. स्वागत इंडियन ऑयल के मुख्य प्रमंडलीय बिक्री (रीटेल) प्रबंधक ने किया.

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