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झामुमो ने रखी शर्त : विधानसभा की भी सीटें बंटे, तभी बन पायेगा महागठबंधन

नयी दिल्ली-रांची : यूपीए फोल्डर में महागठबंधन को लेकर पेंच फंसता दिख रहा है़ झामुमो ने यूपीए में लोकसभा सीटों के बंटवारे के साथ विधानसभा सीटें भी बांटने की शर्त रख दी है़ सूत्रों की मानें, तो झामुमो ने यह मांग कांग्रेस के आला नेताओं के समक्ष रखी है़ झामुमो ने साफ तौर पर बता […]

नयी दिल्ली-रांची : यूपीए फोल्डर में महागठबंधन को लेकर पेंच फंसता दिख रहा है़ झामुमो ने यूपीए में लोकसभा सीटों के बंटवारे के साथ विधानसभा सीटें भी बांटने की शर्त रख दी है़ सूत्रों की मानें, तो झामुमो ने यह मांग कांग्रेस के आला नेताओं के समक्ष रखी है़ झामुमो ने साफ तौर पर बता दिया कि विधानसभा के लिए सीटों का बंटवारा तय होने पर ही महागठबंधन बन पायेगा. अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार झामुमो, कांग्रेस नेताओं के बयान से भी नाराज है.
पूर्व में कांग्रेस ने स्पष्ट किया था कि विधानसभा का चुनाव झामुमो नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और लोकसभा चुनाव कांग्रेस के नेतृत्व में लड़ा जायेगा, लेकिन अब कांग्रेस का कहना है कि सहयोगी दलों से चर्चा के बाद विधानसभा चुनाव में नेतृत्व पर विचार किया जायेगा.
झामुमो की यह भी दलील है कि इससे कैंपेन में अासानी होगी, पहले से सबकुछ तय रहने पर भ्रम की स्थिति नहीं होगी़
इधर कांग्रेस के आला नेताओं ने झामुमो से कहा है कि विधानसभा की सीटों को लेकर दशहरा के बाद फॉर्मूला तय कर लिया जायेगा़
विपक्ष के दूसरे नेताओं की बैठक कर सर्वसम्मत राय बनायी जायेगी़ कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, सह-प्रभारी उमंग सिंघार और प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार के साथ बैठक कर हेमंत सोरेन शुक्रवार की शाम रांची लौट आये है़ं
30 से 32 सीटों की चर्चा, झामुमो का 40 सीटों पर दावा : मिली सूचना के अनुसार यूपीए महागठबंधन में झामुमो ने विधानसभा की 40 सीटों पर दावा किया है़ वहीं यूपीए में मोटे तौर पर हुई चर्चा में झामुमो को 30 सीटें देने की बात कही गयी है़ विधानसभा सीटों के बंटवारे में सीटिंग और दूसरे स्थान पर रहे सीटों का फॉर्मूला चल रहा है़ पहले सीटिंग सीटों को बांटा जायेगा, उसके बाद दूसरे स्थान पर की सीटों पर दावेदारी तय होगी़ झाविमो ने इसके तहत 20 सीटों पर दावा किया है़ यूपीए गठबंधन में अभी सीटों के बंटवारे को लेकर कई गुत्थियां सुलझनी बाकी है़ं
बीच रास्ता निकालने में जुटी कांग्रेस : इधर कांग्रेस भी यह नहीं चाहती है कि लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता में दरार हो, जिसका फायदा भाजपा को मिल सके. कांग्रेस, झाविमो और झामुमो के बीच रास्ता निकालने में जुटी है़ झामुमो सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस सहयोगी दलों के जरिये झामुमो पर दबाव नहीं बना सकती है.
मौजूदा समय में राज्य में झामुमो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है और बिना उसके विपक्षी एकता बिखर सकती है. हालांकि कांग्रेस का दावा है कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक है और सहयोगी दलों के बीच किसी भी बात को लेकर किसी तरह का दवाब या मनमुटाव नहीं है.गठबंधन से पहले रार : दशहरा के बाद यूपीए की बैठक में होगी विधानसभा सीटों पर बात, दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के बयान से झामुमो हुआ नाराज
40 सीटों पर दावा किया है झामुमो ने
30 सीटें झामुमो को देने पर हुई चर्चा
20 सीटों पर झाविमो ने किया दावा
कांग्रेस का दावा : सब ठीक है महागठबंधन में
कांग्रेस ने कहा था कि विधानसभा चुनाव झामुमो और आमचुनाव कांग्रेस के नेतृत्व में लड़ा जायेगा
यूपीए में सीटों के बंटवारे को लेकर कई गुत्थियां सुलझनी बाकी
बाबूलाल का भी चल रहा है दबाव
सूत्रों की मानें, तो पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के दबाव में कांग्रेस फिलहाल विधानसभा चुनाव झामुमो के नेतृत्व में लड़ने की घोषणा नहीं कर रही है. मरांडी ने कांग्रेस के समक्ष यह बात रखी है कि अभी से नेतृत्व तय कर चुनाव लड़ने में नुकसान हो सकता है़ कांग्रेसी खेमे के कुछ नेता इस बात को लेकर सहमत भी है़ं बाबूलाल के दबाव के कारण पेंच फंस रहा है़

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